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मोदी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लाइक करने पर हटाया गए IAS गंगवार


भोपाल। फेसबुक पर गांधी-नेहरू की तारीफ के बाद विवादों में आए बड़वानी कलेक्टर अजय गंगवार को पद से हटाने के मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। राज्य सरकार ने सोमवार को गंगवार को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जनक्रांति के आह्वान से संबंधित एक पोस्ट पर उन्होंने कमेंट किया है, जो सर्विस कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है।

 

आनन फानन में लिया फैसला

 

- मोदी से संबंधित जिस पोस्ट पर सरकार गंगवार के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रही है, वह तो जनवरी 2015 की है जबकि वह अगस्त 2015 में बड़वानी कलेक्टर पदस्थ किए गए थे।

- गौरतलब है कि फेसबुक पर गांधी-नेहरू की तारीफ करने के बाद ही आनन फानन में सरकार ने उन्हें हटा दिया था।

 

अब उठ रहे हैं सवाल

- अब सवाल यह उठता है की इतने लंबे समय तक प्रदेश सरकार शांत क्यों थी ?

- जिस समय यह पोस्ट गंगवार की फेसबुक पर डाली गई थी क्या तब किसी को इस बारे में जानकारी नहीं थी ?

- आखिर सरकार ने उस समय गंगवार के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की ?

- क्या यह माना जाए की गंगवार द्वारा नेहरू को लेकर वर्तमान सरकार पर किए गए व्यंग्य पर कोई आपत्ति नहीं है ?

- मालूम हो कि गंगवार ने 23 जनवरी 2015 को फेसबुक वॉल पर मोदी की आलोचना वाले एक लेख को लाइक करते हुए कमेंट किया था, “मोदी के खिलाफ लोगों की क्रांति (जनक्रांति) होनी चाहिए।” इसके छह महीने बाद गंगवार को बड़वानी जिले की कमान सौंपी गई थी ।

-मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा ने कहा कि गंगवार को नेहरू की नीतियों पर टिप्पणी को लेकर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर नोटिस दिया है।

- चर्चा में डिसा ने कहा की कोई भी अधिकारी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी बात कैसे कर सकता है ? 

- जब उनके ध्यान में लाया गया की गंगवार को कलेक्टर तो उनके फेसबुक पर मोदी के खिलाफ किए गए कमेंट के बाद ही बनाया गया तो मुख्यसचिव ने कहा की यह मामला संज्ञान में अभी आया है। नोटिस - में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है की उन्होंने ऐसा कमेंट क्यों किया है।


और इधर छुट्टी पर चले गए गंगवार....

गंगवार सरकार के इस कदम से नाराज बताए जा रहे हैं और वे एक हफ्ते की छुट्टी पर चले गए है । गंगवार को सचिवालय में उप सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए गंगवार ने कहा, “संवैधानिक संस्थानों जैसे कि विधानसभा में देश को हिंदू राष्ट्र बनाने से रोकने पर चर्चा होती है। इसमें कुछ भी नया नहीं है, लेकिन लोगों को ये जानना जरूरी है।”

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