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राष्ट्री य जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के दो साल


नरेन्द्र सिंह तोमर
केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार 26 मई, 2016 को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर रही है। इस दौरान सरकार ने जनहित और देशहित के लिए कौन से कदम उठाए, किन-किन महत्वानकांक्षी योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की गई, उनके क्रियान्व यन की स्थिति क्यात है, सरकार अपने संकल्पोंं और वायदों को पूरा करने में कहां तक आगे बढ़ी है और अभी क्याि कुछ किया जाना बाकी है इन सभी पर विस्ताोर से अध्यगयन और चर्चा करना प्रासंगिक होगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व  में राजग सरकार द्वारा जिस गति और उत्सािह के साथ विभिन्नन क्षेत्रों में महत्व पूर्ण निर्णय लेकर अमल किया गया है, देश के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी-कभार ही दिखाई दिया  है। देश की जनता ने 26 मई, 2014 को करीब तीस साल बाद किसी एकमात्र दल- भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड संसदीय बहुमत प्रदान करते हुए माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्वत में सत्ताट सौंपी थी। उसी समय संकेत मिल गया था कि जनता ने जिन मंसूबों के साथ देश की बागडोर एनडीए सरकार के हाथों में दी है, वे अवश्य  ही पूरे होंगे । देश के लोगों ने श्री मोदी जी को विकास पुरुष मानते हुए राजग में पक्ष में मतदान किया था और वास्तलव में वे जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। श्री मोदी जी के नेतृत्वद में राजग सरकार के शपथ-ग्रहण के दिन से ही लगने लगा था कि इस सरकार की कार्यप्रणाली, नीतियां और मानदण्डक घिसे-पिटे न होकर नये, मौलिक, लोकोपकारी, पारदर्शी और ‘ सर्वजनहिताय सर्वजनसुखाय ’  के सिद्धांतों और आदर्शों पर आधारित होंगे। वर्तमान सरकार से देश की जनता को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों के मुकाबले काफी अधिक अपेक्षाएं और आशाएं थीं, जबकि जमीनी हकीकत यह थी कि उसे विरासत में एक ऐसी अर्थव्य वस्थाव मिली थी, जिसमें लगातार घटती जा रही विकास दर, कमर-तोड़ महंगाई, विदेशी मुद्रा भण्डाथर की बेहद खराब स्थिति, बड़े पैमाने पर भ्रष्टारचार, शासन-प्रशासन में शिथिलता और निवेशकों के बीच विश्वा स की कमी जैसी गंभीर चुनौतियां सामने खड़ी थीं,  लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार ने अपने मात्र दो वर्ष के कार्यकाल में विभिन्नी क्षेत्रों में जनहित और देशहित के व्या्पक कदम उठाए हैं और  भ्रष्टा चार  तथा  महंगाई पर अंकुश लगाने,  शासन-प्रशासन को पारदर्शी और चुस्तष-दुरुस्तष बनाने सहित विभिन्नर मोर्चों पर ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं । अंतर्राष्ट्री य राजनय और कूटनीतिक पहल के क्षेत्र में श्री मोदी जी विश्वि स्तिर पर बेजोड़ नेता के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं। इसकी शुरुआत उन्होंेने अपने शपथ ग्रहण समारोह में ही सभी पड़ोसी देशों के शासनाध्यहक्षों को आमंत्रण देकर कर दी थी । घरेलू क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से अपने पहले उद्बोधन के दौरान जिन सामाजिक, आर्थिक और आम हित के मुद्दों की चर्चा की,  उन्हेंर तत्कााल अमलीजामा देने में कोर-कसर नहीं छोड़ी गई । सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वेच्छव भारत अभियान, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, फसल बीमा योजना, स्टासर्ट अप, स्टैझण्ड  अप, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, मुद्रा बैंक योजना, रसोई गैस सब्सि्डी के मामले में प्रत्य,क्ष लाभ अंतरण योजना और सागरमाला परियोजना जैसे विभिन्नस महत्व पूर्ण राष्ट्रीधय कार्यक्रमों और योजनाओं की न केवल घोषणा की बल्कि उन्हेंप सुव्य्वस्थित रूप से कार्यान्विषत कर दिया और लोगों को इनके लाभ भी मिलने शुरू हो गए। इससे स्प‍ष्टत है कि यह सरकार बड़ी –बड़ी योजनाओं की केवल घोषणा करने में ही विश्वानस नहीं रखती, बल्कि उनके लाभ लोगों तक यथाशीघ्र पहुंचाने के लिए संकल्पनबद्ध होकर कार्य करती है।
इस संदर्भ में कुछ महत्वकपूर्ण योजनाओं का ब्यौबरा देना प्रासंगिक होगा । एनडीए सरकार ने 21 अगस्त , 2014 को डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की । इसके माध्य म  से देश को इलेक्ट्रॉकनिक प्रणाली पर आधारित सशक्ता अर्थव्यावस्थाइ  के रूप में परिवर्तित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाने, विभिन्नड सरकारी विभागों को डिजिटल अथवा इलेक्ट्रॉहनिक आधार पर जोड़ने से आम जनता तक सरकारी सेवाओं की पहुंच, पहले के मुकाबले आसान होती जा रही है, कागजी कार्रवाई घट रही है और इसका फायदा अभी तक वंचित रहे ग्रामीण क्षेत्रों को भी मिल रहा है। सरकार ने इसे 2019 तक पूरी तरह लागू कर देने का लक्ष्य  रखा है। देश में रोजगार के पर्याप्तत अवसर पैदा करने और अर्थव्यरवस्थाग के तेजी से विकास के लिए ‘’ मेक इन इंडिया ‘’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस पहल के माध्यकम से देश को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने, देश में बड़े पैमाने पर प्रत्य्क्ष विदेशी निवेश को आकृष्टश करने और बीमारू सरकारी उपक्रमों में नई जान डालने के प्रयास किए जा रहे हैं । सरकार ने इस अभियान के अंतर्गत ऐसे 25 क्षेत्रों को चिह्नित किया है, जिनमें विश्व  स्तभर पर अग्रणी स्थामन हासिल करने की क्षमताएं मौजूद हैं।
वित्तीोय समावेशन से जुड़ी प्रधानमंत्री जन-धन योजना में अब तक 21 करोड़ 81 लाख बैंक खाते खोले गए हैं और प्रत्येनक खाताधारक के लिए बीमा कवर के रूप में एक लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई। इस योजना के अंतर्गत अब तक 37 हजार 616 करोड़ रुपये  से अधिक  धनराशि  जमा  हुई है। प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 78 लाख से अधिक लघु उद्यमियों को 1 लाख 47 हजार करोड़ रुपये से अधिक ऋण स्वीकृत किए गये हैं और 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए जा चुके हैं।  वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में इस योजना के लिए आवंटन 1 लाख करोड़  रुपये  से  बढ़ाकर 1  लाख  80  हजार  करोड़  रुपये  कर  दिया  गया है।   वर्तमान  सरकार

का महत्वाैकांक्षी कार्यक्रम ‘स्वोच्छ  भारत अभियान’  देश में ही नहीं,  बल्कि विदेशों में भी बड़े पैमाने पर चर्चित हुआ और सराहा गया है। इस अभियान के अंतर्गत सरकार ने 2 अक्टूैबर, 2019 को राष्ट्र पिता महात्मान गांधी की 150वीं जयंती तक देश को पूरी तरह स्वटच्छव बनाने का संकल्पो लिया है। इस कार्यक्रम से पूरे देश में साफ-सफाई के प्रति व्याकपक जन-जागरूकता बढ़ी है। सड़कों और गलियों की साफ-सफाई से लेकर ग्रामीण तथा दूर-दराज के इलाकों तक शौचालय सुविधाओं के विस्तािर का एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस बारे में अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता इस सीमा तक बढ़ गई है कि कई लड़कियों ने शौचालय की सुविधा न रखने वाले परिवारों में शादी करने से साफ इंकार कर दिया। सचमुच यह एक ऐसी पहल है जो भारत को एक न एक दिन विश्वर के सर्वाधिक स्वसच्छब देशों की पंक्ति में खड़ा करेगी।
    यदि हम राजग सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों पर दृष्टि डालें तो ज्ञात होता है कि सकल घरेलू उत्पाजद की वृद्धि दर 6.3 से बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई है। वर्तमान समय में हमारे पास लगभग 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भण्डा र है जो अब तक के अधिकतम स्तमर पर है। देश में वर्ष 2014 में प्रत्याक्ष विदेशी निवेश 2013 के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़कर 34 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। देश में प्रत्यवक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में वित्ति वर्ष 2014-15 और 2015-16 में आमतौर पर वृद्धि हुई है और सेवा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 के दौरान 74.7 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई। इससे प्रतीत होता है कि निवेश के मामले में भारत एक आकर्षक स्थ ल बना हुआ है।  देश में अवसंरचना विकास के लिए सरकार ने कई महत्वआपूर्ण कदम उठाए हैं जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्री य राजमार्गों का विकास और नागरिक उड्डयन एवं बन्दारगाहों का विकास शामिल है।  वर्ष 2016-17 में ग्रामीण सड़क मार्गों के विकास के लिए 19 हजार करोड़  रुपये आबंटित किए गए हैं । ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार सुनिश्चिकत  कराने  की  महत्वाआकांक्षी  योजना  मनरेगा  के  लिए वर्ष 2016-17 में 38,500 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली 5 करोड़ महिलाओं को  अगले 3 वर्षों में नि:शुल्का गैस कनेक्श न प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री उज्व्  आला योजना का शुभारंभ उत्तहर प्रदेश के बलिया जिले से 1 मई, 2016 को किया गया। गंभीर बीमारियां अप्रत्यांशित और बड़े खर्चे का सबसे महत्व पूर्ण कारण हैं जो प्रतिवर्ष लाखों परिवारों को गरीबी रेखा के नीचे ले जाती हैं। ऐसे परिवारों की मदद के लिए सरकार नई स्वा्स्य्वा  सुरक्षा योजना के तहत प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वाोस्य्िए  कवर प्रदान करने जा रही है।  सरकार ने किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक महत्व पूर्ण स्कीाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  शुरू की  है। इसके  कार्यान्वणयन  के लिए 5500 करोड़ रुपये रखे गये हैं। मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए नीम कोटेड यूरिया के प्रावधान हेतु नई यूरिया नीति घोषित की गई है।  देश के वरिष्ठन नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने अटल पेंशन योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना में व्यनक्तिगत अंशदान के अनुसार 1000 रुपये से 5000  रुपये  तक  पेंशन  राशि  मिलेगी।  इससे  लगभग 18 लाख लोग लाभान्वित होंगे।

असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 1000 रुपये की न्यू नतम पेंशन देने के निर्णय से 27 लाख पेंशन भोगियों को लाभ मिला है।
जहां तक मेरे प्रभार के अंतर्गत खान और इस्पारत मंत्रालय का संबंध है, केंद्र सरकार ने खनन क्षेत्र में भारी ठहराव, अवैध खनन, पारदर्शिता की कमी और विनियमित ढांचे की अपर्याप्तनता की चुनौती से निपटने के लिए एमएमडीआर अधिनियम 1957 में व्याीपक संशोधन किए।  इससे अब  केवल नीलामी प्रक्रिया के माध्य7म से ही खनिज रियायतों का आबंटन हो सकेगा, विवेकाधिकार समाप्त  होगा, पारदर्शिता बढ़ेगी, विलंब कम होगा, प्रक्रिया सरल होगी, खनिज मूल्यव में सरकार का हिस्साा बढ़ेगा और निजी निवेश तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी को आकृष्टि किया जा सकेगा। संशोधन का असर यह हुआ है कि मुख्य खनिजों के उत्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले, वर्ष 2015-16 में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।  सरकार ने देश में खनिज अन्वेरषण को बढ़ावा देने की पहल के तहत  राष्ट्री य खनिज अन्वेषण ट्रस्टे स्थाेपित किया है। इसका वित्तल पोषण खनन पट्टाधारकों द्वारा रॉयल्टीव के 2 प्रतिशत के बराबर राशि के अंशदान द्वारा किया जाएगा और इसमें प्रति वर्ष 400-500 करोड़ रुपये आएंगे। सरकार ने गहराई में मौजूद और छिपे खनिज भण्डाखरों की खोज के लिए ऑपरेशन खनिज खोज नामक अत्या धुनिक परियोजना शुरू की है। प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्यारण योजना के अंतर्गत खनन संबंधी प्रचालनों से प्रभावित  जिलों के विकास और वहां के लोगों के कल्याणण के लिए  जिला खनिज प्रतिष्ठा न की स्थासपना का प्रावधान किया गया है । जिला खनिज प्रतिष्ठाकन का वित्तयपोषण खनन पट्टाधारकों के वैधानिक अंशदान से होगा। खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और जनता के कल्यातण के लिए 6000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च किए जाएंगे।
सरकार ने सहकारी संघवाद पर बल देते हुए राज्योंर के संसाधनों में वृद्धि के लिए कोयला, लिग्ना इट तथा गौण खनिजों को छोड़कर मुख्यय खनिजों की रॉयल्टी् दर तथा डेड रेन्ट  में संशोधन किया है जिससे राज्योंं को बड़े पैमाने पर लाभ हो रहा है। 31 खनिजों को गौण खनिज के रूप में अधिसूचित कर इनके बारे में राज्यल सरकारों को व्याीपक अधिकार दिए गए हैं।  
इस्पानत क्षेत्र में वैश्विसक मंदी के बावजूद,  वर्ष 2015 के दौरान विश्वर के प्रमुख इस्पानत उत्पा्दक देशों में भारत ऐसा अकेला देश रहा है जिसने पिछले साल के मुकाबले न केवल इस्पा त उत्पाेदन में, बल्कि खपत में भी वृद्धि दर्ज की है। जनवरी 2015 में भारत ने अमेरिका को पछाड़ कर इस्पाेत उत्पांदन में विश्वम स्तजर  पर तीसरा स्थाान हासिल कर लिया है। इस्पाात उत्पाादन बढ़ाने के लिए पहले चरण में चार राज्यों  – छत्तीासगढ़, ओडीशा, झारखण्ड   और कर्नाटक के साथ एसपीवी स्थावपित करने पर लगभग 24 मिलियन टन इस्पा्त उत्पाादन क्षमता बढ़ेगी। इससे कुल इस्पा त उत्पा4दन क्षमता बढ़कर लगभग 134 मिलियन टन हो जाएगी।  

केंद्र में राजग सरकार से भिन्नक सरकारें हर बार ‘’गरीबी हटाओ’’  के नारे जोर-शोर से देकर सत्ताज पर काबिज हुईं, लेकिन वे कभी इस पर कुछ भी करने का मन नहीं बना पाईं। जबकि वर्तमान सरकार ने निर्धन वर्ग को गरीबी के दलदल से बाहर निकालने, किसानों की माली हालत सुधारने, शहरों की तर्ज पर गांवों का विकास करने और कृषि तथा सिंचाई के क्षेत्र में जरूरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए कई  योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। समान रैंक समान पेंशन की पूर्व सैनिकों की मांग लम्बेष अरसे से रद्दी की टोकरी में डाली जा रही थी। श्री मोदी जी के नेतृत्व  में वर्तमान सरकार ने पूर्व सैनिकों की इस वाजिब मांग पर गंभीरता से विचार करते हुए इस बारे में 14 मार्च, 2016 को एक अहम निर्णय लिया। मोदी सरकार ने मई 2018 तक देश के 18452 गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्यो रखा है। इस पर अमल की तेज गति को देखते हुए लगता है कि यह लक्ष्यं इससे काफी पहले मार्च 2017 तक ही पूरा कर लिया जाएगा । रियल स्टे ट क्षेत्र को विनियमित करने और आम लोगों को बिल्डचरों तथा भवन निर्माण कंपनियों के मनमाने रवैये से संरक्षण देने के लिए इस सरकार ने रियल स्टे ट से संबंधित कानून बनाकर क्रांतिकारी बदलाव लाने की कोशिश की है। आम आदमी को छत मुहैया कराने की दिशा में यह वस्तुात: मील का पत्थदर साबित होगा ।
    देश में पहली बार गांव-गांव में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने, किसानों की समृद्धि बढ़ाने, पंचायती राज व्यकवस्थाि को सुदृढ करने और संतुलित एवं समग्र ग्राम विकास की परिकल्प़ना को मूर्त रूप देने के लिए भारत सरकार ने  दिनांक 14 अप्रैल से 24 अप्रैल, 2016 तक ग्रामोदय से भारत उदय अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया ।
यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मोदी जी के नेतृत्वक में राष्ट्री्य जनतांत्रिक  गठबंधन  सरकार  ने केवल 2 साल के भीतर जो कदम उठाए हैं, जिन नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों पर अमल किया है और जिस गति, निष्ठा  और ईमानदारी से संकल्पंबद्ध होकर कार्य किया है, वह बेमिसाल है। इससे स्पष्ट है कि यह सरकार अपने 5 वर्ष के मौजूदा कार्यकाल में ऐसे कई कीर्तिमान स्था।पित करेगी, जो अपने आपमें ऐतिहासिक होंगे।  

 

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