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एचएसबीसी भारत में अपनी 50 में से 24 शाखाएं बंद करेगी


हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्प यानी एचएसबीसी भारत से कारोबार समेटने की तैयारी में है। यह विदेशी बैंक भारत में चल रही 50 में से 24 शाखाओं को बंद करने वाला है। ये शाखाएं 14 शहरों में हैं।

एचएसबीसी ने भारत में करीब आधी शाखाएं बंद करने की वजह रिटेल और वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस ऑनलाइन करना बताया है। लेकिन, माना जा रहा है कि बैंक वैश्विक पैमाने पर खर्चे घटाने के लिए यह कदम उठा रहा है। 6 महीने पहले एचएसबीसी ने बैंकिंग बिजनेस खत्म करने की भी बात कही थी, लेकिन उसकी वजह भारतीय टैक्स विभाग की ओर से स्विट्जरलैंड में इसकी शाखाओं की जांच थी।

एचएसबीसी ने चेन्नई, गुवाहाटी, इंदौर, जोधपुर, लखनऊ, लुधियाना, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नासिक, पटना, पुणे, रायपुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, वडोदरा और विशाखापत्तनम में एक-एक ब्रांच, नई दिल्ली में दो और कोलकाता में पांच ब्रांच बंद करने का फैसला किया है। बैंक की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक आने वाले महीनों में चरणबद्घ तरीके से एचएसीबीसी के नेटवर्क को संगठित किया जाएगा।

भारत में 33 हजार कर्मचारी
एचएसबीसी ने भारत में शाखाएं बंद करने के समय के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी है। इसकी भारतीय शाखाओं से करीब 33 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। बैंक के एक प्रवक्ता ने बताया कि लगभग 1 प्रतिशत कर्मचारी शाखाएं बंद करने की योजना से प्रभावित होंगे। इस हिसाब से तकरीबन 330 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

पिछले साल हुआ था घाटा
एचएसबीसी की रणनीति समझने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक शाखाएं बंद होने की वजह से लोग ऑनलाइन सुविधाएं ले रहे हैं। ऐसा करने से बैंक का खर्च कम हो रहा है, लेकिन रोजगार के मौके कम पैदा होंगे। पिछले साल एचएसबीसी को भारत में 2.5 करोड़ डॉलर (करीब 168 करोड़ रुपए) का घाटा हुआ था। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत इस बैंक के लिए तीसरा सबसे ज्यादा फायदे वाला बाजार रहा है।

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