महाकुंभ के सार का आज विश्व को सार्वभौम संदेश देंगे प्रधानमंत्री श्री मोदी
श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम श्री मैत्रीपाल सिरिसेना होंगे विशेष अतिथि
पाँच देश के प्रतिनिधि और देश के चार राज्य के मुख्यमंत्री भी होंगे शामिल
उज्जैन जिले के ग्राम निनौरा में सिंहस्थ महापर्व पर हो रहे तीन-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ का समापन 14 मई को होगा। समापन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विचार महाकुंभ के सार्वभौम संदेश को विश्व के समक्ष रखते हुए इस विचार महायज्ञ को पूर्णता प्रदान करेंगे। विचार महाकुंभ में श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री मैत्रीपाल सिरिसेना विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस मौके पर जहाँ दुनिया के पाँच देश के प्रतिनिधि शामिल होंगे, वहीं भारत के चार अलग-अलग राज्य के मुख्यमंत्री भी बतौर अतिथि विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया, झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित होंगे। सत्र की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन करेंगी।
विचार महाकुंभ के अंतिम दिन सम्यक जीवन पर वैचारिक सत्र होगा। सुबह 9 बजे के इस पूर्ण सत्र में श्री सम्पंथान श्रीलंका में नेता प्रतिपक्ष, भूटान के मंत्री श्री डी.एन. थुंगवेल, नेपाल श्री खील राज रेग्मी, बांग्लादेश के सांसद श्री साधनचंद्र मजूमदार और मलेशिया दातोश्री एस.के. देवगनी अपने विचार और सुझाव रखेंगे।
राजनीति से परे, संतों की अध्यक्षता में हुए इस विचार महाकुंभ में देश के संत-महात्माओं, विद्वान, मनीषियों ने विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया। तीन दिन के दौरान विचार महाकुंभ में स्वच्छता सरिता कुंभ, सतत विकास एवं जलवायु परिवर्तन, सम्यक जीवन, शक्तिकुंभ, कृषि एवं कुटीर कुंभ के वैचारिक सत्र हुए। वैचारिक सत्रों में सफल, सार्थक, नैतिक मूल्यों के साथ मूल्य आधारित जीवन जीने की कला, कुटीर उद्योग, जैविक कृषि, स्वच्छता और शुचिता, नदी संवर्धन, जलवायु परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर सुझाव दिये गये और समस्याओं के निदान को तलाशा गया।