गुरू से मंत्र पाकर जैन साध्वी बनीं महामंडलेश्वर
अखाड़े के प्रमुख संतों व जैन संतों सहित हजारों भक्तों की मौजूदगी में
हुआ पट्टाभिषेक समारोह-जूना अखाड़ा ने ओढ़ाई चादर
उज्जैन। मंच पर सनातन व जैन संतों का समागम, हजारों लोगों की जयजयकार व
भावपूर्ण माहौल के बीच मां चंदन पद्मावती दरबार में गुरूवार को
महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक समारोह हुआ। जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी ने
जैन साध्वी चंदनप्रभानंदगिरी के कान में मंत्र सुनाया और इसके साथ ही
साध्वी जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में पद विभूषित हो गईं। जूना
अखाड़ा की ओर से चादर ओढ़ाई गई और आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंदगिरीजी ने
साध्वी चंदनप्रभानंदगिरीजी के महामंडलेश्वर बनने की घोषणा की।
उजडखेड़ा सेक्टर के माँ चंदन पद्मावती दरबार में दोपहर 2 बजे हुए
पट्टाभिषेक समारोह में अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरीजी
महाराज, अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरीजी महाराज, मंत्री
परशुरामगिरीजी, साध्वी ऋतंभरा, जूना अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत
सोहनगिरीजी, श्रीमहंत भागवतपुरीजी, श्रीमहंत उमाशंकर भारतीजी, जैन मुनि
सुरेशकुमारजी, रमेशकुमारजी, अभयपुरीजी, पंचानंदगिरीजी, सुनीतानंदगिरी,
नेपाल से आई महामंडलेश्वर हेमानंदगिरीजी, योगमाता शैलजा देवी के साथ ही
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से नौ रत्नों में शामिल प्रख्यात
कलाकार सोनल मानसिंह विशेष रूप से उपस्थित थीं। पट्टाभिषेक समारोह में
आचार्य अवधेशानंदगिरीजी ने कहा कि मैं किसी का धर्म नहीं बदल रहा, वस्तु
का स्वभाव ही उसका धर्म है। गुरू मैय्या तो शक्ति स्वरूपा है। भगवान
महावीर और भगवान ऋषभदेव व भगवान विष्णु के 24-24 अवतार हुए हैं जो धर्मों
में समानता के प्रतीक हैं। महामंडलेश्वर बनने के बाद चंदनप्रभानंदगिरीजी
ने कहा कि जैनाचार्यों व सनातन धर्म गुरू की कृपा से मुझे यह सौभाग्य
मिला है। दोनों धर्मों के बीच सेतु की भूमिका निभाउंगी और सदैव समाज
कल्याण के लिए कृतसंकल्पित रहूंगी। शिविर अध्यक्ष गोपाराम चैधरी के
अनुसार पट्टाभिषेक समारोह में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र सहित मप्र के
विभिन्न शहरों से गुरु मैय्या के भक्त शामिल हुए।
महामंडलेश्वर चंदनप्रभानंदगिरीजी की आज जोधपुर में शोभायात्रा
शिविर के अध्यक्ष गोपाराम चैधरी एवं विजयराज गौड़ के अनुसार महामंडलेश्वर
बनने के बाद महामंडलेश्वर चंदनप्रभानंदगिरी गुरूवार देर रात जोधपुर के
लिए रवाना हुई। जोधपुर में आज 13 मई को शक्ति पीठ से माता के भक्तों
द्वारा उनकी भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। जोधपुर में समारोह के पश्चात
वे पुनः उज्जैन पहुंचकर सिंहस्थ महाकुंभ में शामिल होंगी।
पट्टाभिषेक के बाद हुआ समष्टी भंडारा
पट्टाभिषेक समारोह के बाद पद्मावती दरबार समिति व भक्त मंडल द्वारा शिविर
स्थल पर समष्टी भंडारा भी रखा गया। जिसमें सिंहस्थ में पधारे सभी
महामंडलेश्वरों, अखाड़ों के श्रीमहंत, महंतों व अन्य संत पहुंचे। विशिष्ट
जनों को चांदी की थाली व शाही पंगत में भोज कराया गया।