आजकल कोख में ही संतान हिंसा और साजिश सीख रही है- डाॅ. शास्त्री
उज्जैन। दुष्टों का विनाश करने के लिए श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, कंस तो
मात्र प्रतीक है। जब तक संसार में असुर शक्तियां रहेगी। जब तक पाप की
खेती होगी तब तक पुण्य आत्माएं धरती पर जन्म लेगी।
खाटूधाम में चल रही भागवत कथा के 5वें दिन डाॅ. श्याम सुंदर शास्त्री ने
कहा कि जीवन में कुछ कमाना हो तो सरल बनों, सहज बनों, श्रीकृष्ण की तरह
प्रेम रस की वर्षा करते रहे, बुरे कर्म और पाप कितने भी छुपाओं वे कोढ़
बनकर फूटते ही हैं, कंस के पाप का घड़ा मर जाने पर श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
आपने कहा कि बच्चों में जन्म से ही संस्कार देना चाहिये। आजकल माताएं
टेलीविजन संस्कृति की संतानें पैदा कर रही हैं। ऐसी संतानें मां के गर्भ
से ही हिंसा और साजिश सीख रही हैं। आज जरूरत कृष्ण जैसी संतान पैदा करने
की है। माता पिता का दायित्व है कि वह जन्म से ही सद्गुणों का अमृत
पिलाएं। प्रसंग में मंगलवार को को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया
गया। आंधी तूफान से बेअसर खाटूधाम में कथा सुनने भारी धर्मालु आ रहे हैं।
सरोज अग्रवाल, रामकुमार अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, नरेश बेरीवाला, संतोष
शर्मा, डाॅ. सचिन गोयल ने कथा श्रवण की अपील की। श्याम भक्त नंदकिशोर
शर्मा ‘नंदूजी’ ने श्रीमद् भागवत की पूजा की।