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दिल्ली और केंद्र सरकार मिलकर करेंगी यमुना की सफाई, 825 करोड़ की लागत से होगी सफाई


नई दिल्ली: अकसर विवादों में उलझी रहने वाले केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ढ़ाई साल के भीतर यमुना से कचरा साफ करने की 825 करोड़ रुपये की लागत वाली नई विस्तृत योजना की शनिवार को शुरुआत कर दी।

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा की उपस्थिति में तीसरे यमुना एक्शन प्लान (वाईएपी) के तहत इसकी शुरुआत की।

नयी योजना के तहत दोनों सरकारें साथ मिलाकर जलमल शोधन के लिए वजीराबाद और ओखला के बीच एसटीपी का निर्माण करेंगी, नदी की तलहटी को साफ करेंगी और ठोस कचरे को ट्रैश स्कीमर के जरिए हटाएंगी, नदी तटबंध बनाएंगी और छठ घाट की मरम्मत करेंगी।

ढाई करोड़ की लागत से होगी छठ घाट की मरम्मत
उमा ने कहा, 'इस योजना के तहत प्रदूषण को कम करने के लिए हम एसटीपी का निर्माण करेंगे, नए नदी तटबंध बनाएंगे, 2.5 करोड़ रुपये की लागत से छठ घाट की मरम्मत करेंगे। यमुना की लगातार सफाई करते रहने के लिए हमने 4.5 करोड़ रुपये की लागत वाला ट्रैश स्कीमर भी लगाया है।'

कपिल मिश्रा ने बताया ऐतिहासिक पहल
उन्होंने कहा, 'जरूरत होने पर हम ऐसे और स्कीमर लगाएंगे। ऐसे में हम ठोस कचरा, जल-मल का शोधन कर रहे हैं, और यदि हमें राज्य से कोई प्रस्ताव मिलता है तो हम रासायनिक कचरे का भी निपटारा करेंगे।' इस कदम के लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कपिल मिश्रा ने इस कार्य को 'ऐतिहासिक' बताया और कहा कि प्राधिकार सुनिश्चित करेंगे कि अगले ढ़ाई साल के बाद यमुना में दूषित जल का एक बूंद भी ना गिरने पाए।

उन्होंने कहा, 'मैं उमा दीदी, उनके मंत्रालय और सरकार को धन्यवाद देता हूं। हम एक टीम की भांती काम कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, हमने जल-मल शोधन, ठोस कचरा साफ करने और छठ घाट की मरम्मत करने के इस विस्तृत पैकेज पर काम शुरू कर दिया है। यह ऐतिहासिक शुरुआत है।'

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