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टूटे मन का उपचार अध्यात्म- आचार्य भद्रकामवर्णी



उज्जैन। चिकित्सा विज्ञान में सभी बीमारियो का उपचार है परंतु टूटे मन का इलाज केवल ईश्वर का सामीप्य है आध्यात्मिक विचारों एवं आत्मबल के सहारे मनुष्य निराशा के गर्त से बाहर आ सकता है।
उक्त विचार महर्षि दयानंद वैदिक धर्म प्रचार शिविर में आचार्य भद्रकामवर्णि ने सनातन धर्म में विज्ञान रहस्य विषय पर गोष्ठी में व्यक्त किये। अध्यक्षता करते हुए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री प्रकाश आर्य ने कहा की आज व्यक्ति मत पंथ आडम्बर में खोकर वास्तविक सत्य सनातन वैदिक धर्म को भूल गया है। महर्षि स्वामी दयानंद ने तीन हजार पांच सौ ग्रन्थों का अध्ययन कर हमको ऋषि परम्परा से जोड़ कर आर्य समाज की स्थापना की। आज यज्ञ योग और स्वाध्याय के माध्यम से मनुष्य को धर्म के सही अर्थ को जानकर अध्यात्म को जीवन में उतारने की आवश्यकता है। प्रारम्भ में वैदिक भजनों की प्रस्तुति प्रकाश आर्य सत्यपाल एवं आर्यमुनि ने दी। सम्मेलन का संचालन गोविन्दराम आर्य ने किया। आभार डॉ. ललित आर्य ने माना।

 

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