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जो श्रीराम का चिंतन करता है उसे कोई चिंता नहीं रहती



अ.भा. वैष्णव ब्राह्मण सेवासंघ मुंबई के शिविर में संत मुरलीधर वैष्णव के
मुखारबिंद से शुरू हुई श्रीराम कथा
उज्जैन। सिंहस्थ महापर्व में अ.भा. वैष्णव ब्राह्मण सेवासंघ मुंबई द्वारा
खिलचीपुर सेक्टर के पंडाल में राष्ट्रीय संत मुरलीधर वैष्णव के मुखारबिंद
से संगीतमयी श्रीरामकथा का रसपान हजारों श्रध्दालुओं को कराया जा रहा है।
रामकथा का शुभारंभ भानपुरा पीठ के शंकराचार्य दिव्यानंदजी तीर्थ एवं
शालेय शिक्षामंत्री पारस जैन एवं पूर्व मंत्री मनोहर बैरागी के आतिथ्य
में राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश वैष्णव की अध्यक्षता में किया गया।
संत मुरलीधर वैष्णव एवं शंकराचार्य दिव्यानंद ने कहा कि आज के समय में
श्रीराम प्रासंगिक है। घर को अयोध्या बनाना है तो परमार्थ स्वार्थ एवं
अनर्थ में से परमार्थ को अपनाना होगा। रामायण में स्वार्थ में बाली मारा
गया, अनर्थ में रावण मारा गया। परमार्थ में आनंद एवं सद्मार्ग है।
सद्गुरू मिलने से एक नहीं कई जन्म सफल हो जाते हैं। यदि अपना संकल्प शुभ
है तो चिंता नहीं चिंतन करें। भगवान के नाम का जो चिंतन करता है वह फिर
किसी की चिंता में नहीं रहता। संतश्री के मार्मिक कथासार को सुन पांडाल
में उपस्थित नर-नारी झूमकर नाचने लगे। कथा के प्रारंभ में शंकराचार्य एवं
संतश्री का स्वागत समाज के मनोहर कुमावत, महेश बैरागी, दीनदयाल वैष्णव,
ओ.पी. बैरागी, बंटी बैरागी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने
किया। मीडिया प्रभारी सत्यनारायण शर्मा के अनुसार शिविर में 9 मई तक
श्रीराम कथा तथा 10 मई से नानीबाई का मायरा का आयोजन किया जाएगा।

 

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