बनारस के अस्सी घाट पहुँचें पीएम मोदी, ई-रिक्शा और ई-बोट का किया विमोचन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में ई-नौका और ई-रिक्शा की सवारी की। उन्होंने कहा कि भारत को अपने गरीबों को समर्थ बनाकर और मजबूत बनना है। बनारस में गंगा के अस्सी घाट पर नौका पर चढ़ने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि वोट बैंक को मजबूत करने वाली नहीं, जनता को मजबूत बनाने वाली योजनाएं महत्वपूर्ण हैं।
मोदी ने बनारस में ई-रिक्शा वितरित किए और अस्सी घाट पर पर्यावरण के अनुकूल ई-बोट योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कुछ ई-रिक्शा पाने वालों से बातचीत भी की। मोदी ने अपने दिन की शुरुआत बलिया से की। वहां उन्होंने कुछ रसोई गस के कनेक्शन गरीबों को दिए।
इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2019 के बीच गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों की पांच करोड़ महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। खुद को 'मजदूर नंबर वन' बताते हुए उन्होंने कहा कि बलिया की धरती क्रांतिकारियों की भूमि रही है। मई दिवस पर इस देश का मजदूर नंबर वन' सभी मजदूरों को कोटि-कोटि नमन करता है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के पसीने में दुनिया को जोड़ने की ताकत है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने मजूदरों के लिए श्रम कानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन किया है। देश में तीस लाख से ज्यादा श्रमिक ऐसे थे, जिनमें किसी को 100 रुपये तो किसी को 15 रुपये पेंशन मिलती थी। लेकिन उनकी सरकार ने पेंशन की न्यूनतम राशि 1000 रुपये कर दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वाचल के लोगों ने उन्हें प्यार दिया है और इस कर्ज को वह यहां विकास के जरिए चुकाएंगे। इस दौरान मोदी ने सब्सिडी छोड़ने वालों की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा परिवारों ने सब्सिडी छोड़ी है और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि मैं बलिया में चुनाव का बिगुल बजाने नहीं आया हूं। बलिया इसलिए आया हूं कि यहां सबसे कम परिवारों को रसोई गैस मिलती है और हमें यहां गैस कनेक्शन की संख्या बढ़ानी है।
उन्होंने कहा कि तीन साल के भीतर पांच करोड़ गैस कनेक्शन देशभर में गरीब परिवारों तक पहुंचाने हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बचपन में कई बार जब उनकी मां उन्हें खाना परोसती थीं तो कमरे में फैले धुएं की वजह से वह उसे देख भी नहीं पाते थे। मोदी ने कहा कि जब तक मतपेटियों को ध्यान में रखकर गरीबों के लिए योजानाएं बनेंगी, तब तक गरीबी नहीं जाएगी। गरीबों को ध्यान में रखकर योजानाएं बनाई जानी चाहिए।