चतुर्वेद परायण महायज्ञ में 20 दम्पतियों द्वारा वेदमंत्रों से आहुति
उज्जैन। महर्षि दयानंद वैदिक धर्म प्रचार शिविर में प्रातःकालीन चतुर्वेद
परायण महायज्ञ में 20 दम्पतियों द्वारा वेदमंत्रों से आहुति दी गयी।
भजनोपदेशक पंडित अमरसिंग द्वारा राष्ट्रभक्ति एवं 116 वर्षीय सन्यासी
स्वामी सर्वानंदजी ने भक्तिरस के भजन सुनाकर श्रोताओ को भावविभोर कर
दिया।
दोपहर 3 बजे राष्ट्रभाषा व आर्य लेखक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मलेन
की अध्यक्ष देवपुत्र के संपादक डॉ. विकास दवे ने कहा की नई पीढ़ी को
स्वामी दयानंद से प्रेरणा लेकर नई रचनाधर्मिता निभाना होगी। मुख्य अतिथि
कुलानुशासक प्रो. डॉ. शैलेन्द्र शर्मा ने कहा की आज आर्य लेखको को स्वामी
दयानंद के मार्ग को आत्मसात कर शाश्वत भारतीय मूल्यों को अपना कर समरस
विश्व की स्थापना करने की आवश्यकता है। सम्मेलन में नगर के अनेक लेखक व
साहित्यकार उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को
स्मृतिचिन्ह प्रदान किये गए। संचालन पं. राजेन्द्र व्यास ने किया एवं
आभार संयोजक लक्ष्मीनारायण आर्य ने माना।