उत्तराखंड में फिलहाल जारी रहेगा राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली। उत्तराखंड के सियासी घमासान को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सात अहम सवाल पूछे और 29 अप्रैल को होने वाले फ्लोर टेस्ट को फिलहाल टाल दिया। राष्ट्रपति शासन जारी रहेगा। अगली सुनवाई 3 मई को होगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 7 सवाल पूछे।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या राज्यपाल ने अनुच्छेद 175(2) के तहत वर्तमान हालत में फ्लोर टेस्ट करवा सकते हैं?
क्या स्पीकर के द्वारा विधायकों को अमान्य घोषित करना एक वजह थी जिसकी वजह से धारा 356 का इस्तेमाल करते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
क्या राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति को उत्तराखंड विधानसभा में कार्यवाही की जानकारी थी?
विनियोग विधेयक की क्या स्थिति है और इस बिल के संबंध में राष्ट्रपति शासन कहा पिक्चर में आता है?
पांचवा सवाल पूछा कि क्या फ्लोर टेस्ट में देरी राष्ट्रपति शासन की घोषणा का आधार हो सकता है?
चूंकि राज्यपाल और स्पीकर दोनों ही संवैधानिक पद हैं तो क्या राज्यपाल, स्पीकर से सदन में वोट विभाजन के लिए कह सकता है।
अगर उत्तराखंड विधानसभा में मनी बिल फेल हो गया तो आखिर इसका निर्णय कौन करेगा जबकि स्पीकर खुद ऐसा नहीं कह रहे हैं।
केंद्र को सुप्रीम कोर्ट के इन सवालों का जवाब देना है? फिलहाल इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने वाले फैसले पर रोक लगा दी थी जिसके बाद राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है।