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मध्यप्रदेश में 2000 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खुलेंगे



वन्य-प्राणियों से होने वाली जन-हानि पर राहत में वृद्धि
सिंचाई परियोजनाओं के लिये 1513 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति
फसल बीमा योजना होगी लागू
पवारखेड़ा में खुलेगा कृषि महाविद्यालय
मंत्रि-परिषद् के निर्णय
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में यहाँ सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में प्रदेश में 2000 नये उप-स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई। प्रत्येक उप-स्वास्थ्य केन्द्र के लिये ए.एन.एम. का एक नियमित पद स्वीकृत किया गया। वर्तमान में इन स्वास्थ्य केन्द्रों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में उपलब्ध संविदा ए.एन.एम. की पदस्थापना की जायेगी। किराये के भवनों की व्यवस्था कर इन केन्द्रों को यथाशीघ्र शुरू किया जायेगा।

राहत में वृद्धि

मंत्रि-परिषद् ने वन्य-प्राणियों द्वारा होने वाली जन-हानि और पशु-हानि के मामलों में राहत राशि बढ़ाने का निर्णय लिया। मृत्यु होने की स्थिति में मृतक के उत्तराधिकारी को 4 लाख रुपये की राहत दी जायेगी। यदि घायल होने के बाद उसकी मृत्यु इलाज के दौरान हुई हो, तो इलाज पर हुआ वास्तविक व्यय भी दिया जायेगा।

स्थायी अपंगता की स्थिति में 2 लाख रुपये की राहत और इलाज पर वास्तविक व्यय की राशि दी जायेगी। अस्पताल में भर्ती होने की अवस्था में अतिरिक्त रूप से 500 रुपये प्रतिदिन की दर से राहत दी जायेगी। जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये होगी।

घायल होने पर व्यक्ति के इलाज पर हुआ वास्तविक व्यय दिया जायेगा। अस्पताल में भर्ती होने की अवस्था में अतिरिक्त रूप से 500 रुपये प्रतिदिन की दर से राहत दी जायेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये होगी। वन्य-प्राणी द्वारा पशु हानि की स्थिति में राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार राहत दी जायेगी।

सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् ने विभिन्न सिंचाई योजना के लिये प्रशासकीय स्वीकृति के लिये 1513 करोड़ 21 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।

संजय सागर (बाह) मध्यम सिंचाई परियोजना के 9893 हेक्टेयर में कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्यों के लिये 37 करोड़ 6 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

तवा परियोजना के सुदृढ़ीकरण, विस्तार और आधुनिकीकरण के लिये 3 चरण को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। द्वितीय चरण में 28 हजार 412 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के निर्माण और सौर ऊर्जा संयंत्र के लिये 458 करोड़ एक लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकति दी गई। द्वितीय चरण में तवा बांई तट नहर में 45.78 किलोमीटर से 128.50 कि.मी. तक, दांयी मुख्य नहर की पूर्ण लम्बाई 7.17 कि.मी. में, पिपरिया शाखा नहर (56.75 कि.मी.) में, बागरा शाखा नहर (23.37 कि.मी.) एवं हण्डिया शाखा नहर (55.50 कि.मी.) में लाइनिंग कार्य के लिये 325 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

चतुर्थ चरण में तवा परियोजना की दाँयी और बाँयी मुख्य नहर की 5 वितरिकाओं में लाइनिंग कार्य के लिये 75 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

इसी तरह महान सिंचाई परियोजना के 16 हजार 150 हेक्टेयर में कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्यों के लिये 60 करोड 56 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। सिंध परियोजना के द्वितीय चरण के 98 हजार 250 हेक्टेयर में कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्यों के लिये 394 करोड़ 9 लाख रुपये, कछाल मध्यम सिंचाई परियोजना के 3470 हेक्टेयर में कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्यों के लिये 13 करोड़ 5 लाख तथा सिंहपुर बैराज मध्यम सिंचाई परियोजना के 6000 हेक्टेयर में कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्यों के लिये 22 करोड़ 55 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

फसल बीमा

मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश में खरीफ 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना ऋणी कृषकों के लिये अनिवार्य और अऋणी किसानों के लिए एच्छिक होगी। प्रदेश में कम, मध्यम और अधिक जोखिम वाले जिलों का वर्गीकरण कर 5 कलस्टर निर्धारित किये गये हैं। कलस्टरों में योजना के क्रियान्वयन के लिये भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध 11 फसल बीमा कम्पनी से वास्तविक प्रीमियम दर पर फसल बीमा प्रदान करने के लिये निविदाएँ आमंत्रित की जायेगी।

खरीफ मौसम में अनाज, तिलहन और दलहन फसलों के लिये कुल बीमित राशि के 2 प्रतिशत की दर से, रबी मौसम में 1.5 प्रतिशत की दर से और व्यावसायिक फसलों के लिये 5 प्रतिशत की दर से प्रीमियम राशि बैंकों के माध्यम से किसानों से उनके अंश के रूप में प्राप्त की जायेगी। वास्तविक प्रीमियम दर और किसानों द्वारा भुगतान की गई प्रीमियम दर का अन्तर प्रीमियम अनुदान के रूप में देय होगा।

प्रीमियम अनुदान राशि संबंधित बीमा कम्पनियों को राज्य शासन एवं केन्द्र सरकार की बराबर भागीदारी से भुगतान किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में क्षतिपूर्ति स्तर सभी फसलों के लिये 80 प्रतिशत होगा। बोआई/ रोपाई/ अंकुरण नष्ट होना, कृषि मौसम के दौरान तथा कटाई उपरांत फसल क्षति की स्थिति में प्राकृतिक आपदा आने पर कलेक्टर द्वारा प्रभावित क्षेत्र में आपदा के कारण होने वाली क्षति को राज्य स्तरीय फसल बीमा समिति द्वारा नियत की गई अवधि में अधिसूचित किया जायेगा।

कृषि महाविद्यालय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के पालन में मंत्रि-परिषद् ने होशंगाबाद जिले के पवारखेड़ा में स्थित जवाहरलाल नहेरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के आंचलिक अनुसंधान केन्द्र की 183. 287 हेक्टेयर में से 50 हेक्टेयर जमीन में कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके लिये 5 वर्ष के लिए 116 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। महाविद्यालय शिक्षण सत्र 2016-17 से ही शुरू किया जायेगा। प्रथम वर्ष में 50 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा।

उच्च न्यायालय के लिए पद

मंत्रि-परिषद् ने उच्च न्यायालय के प्रस्ताव अनुसार प्रत्येक जिले के लिये एक कोर्ट मेनेजर और अमले सहित कुल 216 पद का संविदा आधार पर कार्यकाल 31 मार्च 2016 तक बढ़ाया था और नवीन 216 नियमित पद का सृजन किया था। कोर्ट मेनेजर और उनके स्टाफ के नियमित पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, लिहाजा संविदा पर कार्यरत कोर्ट मेनेजर और स्टाफ का कार्यकाल 31 मार्च 2017 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद् ने उच्च न्यायालय जबलपुर की आईएलआर प्रकाशन कार्य के लिए 20 पद के सृजन की स्वीकृति दी। मंत्रि-परिषद् ने उच्च न्यायालय की स्थापना में स्वीकृत ग्रंथपाल के पद की विंसगति का निराकरण कर उन्हें मंत्रालय के ग्रंथपाल के पद के वेतनमान ग्रेड पे के समान स्वीकृत करने का निर्णय लिया। इसी तरह उच्च न्यायालय की स्थापना में वाहन चालक के 25 नवीन नियमित पद वेतनमान 5200-20200+1900 ग्रेड पे में सृजित करने का निर्णय लिया। जिला न्यायालय बड़वानी की स्थापना में आदेशिका वाहन के 5 और विक्रय अमीन के 3 पद सृजित करने को मंजूरी दी गई। मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सतना जिला अधिवक्ता संघ के पुस्तकालय के लिये 5 लाख रुपये के अनुदान की स्वीकृति दी।

मंत्रि-परिषद् ने राज्य भूमि सुधार आयोग के लिये 17 पद की स्वीकृति दी।

अन्य निर्णय

    मंत्रि-परिषद् ने देवास में उद्योगों को जल-प्रदाय करने के लिये वर्तमान 23 एमएलडी जल प्रदाय योजना को नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना से स्विस चैलेंज प्रक्रिया के अन्तर्गत पुनर्संरचित करने का निर्णय लिया। योजना को मध्यप्रदेश स्टेट इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा क्रियान्वित करने की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

    मत्रि-परिषद् ने भारत सरकार द्वारा पूरक पोषण आहार के लिये निर्धारित मापदण्डों एवं प्रति महिला/बच्चों पर प्रति दिवस निर्धारित दर के अन्तर्गत वर्तमान में एमपी एग्रो द्वारा टेक होम राशन के रूप में प्रदाय के रूप में विभिन्न रेसिपी का एमपी एग्रो से प्राप्त नवीन प्रस्तावित कास्ट शीट सारणी के अनुसार रेसेपी एवं दरों की 14 प्रतिशत वेट राशि सहित स्वीकृति प्रदान की गई। टेकहोम राशन का परियोजना कार्यालय से आँगनबाड़ी केन्द्रों तक परिवहन की वर्तमान में निर्धारित दर राशि 50 रुपये से अधिकतम 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रति आँगनबाड़ी केन्द्र प्रतिमाह करने की स्वीकृति दी गई। परिवहन दरों का निर्धारण विज्ञापन के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर किया जायेगा।

    मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश मोटर वाहन नियम 1994 के अनुसार विभिन्न प्रयोजन के लिये गाड़ियों के अनुज्ञा पत्र या नवीनीकरण के लिये शुल्क का युक्तियुक्तकरण किया है। पूर्व में यह दरें वर्ष 2006 में निर्धारित की गई थीं। इसमें विगत 9 वर्ष से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में कॉफी वृद्धि हुई है।

    मंत्रि-परिषद् ने विद्युत वितरण कम्पनियों के लिये ग्रामीण विद्युतीकरण निगम नई दिल्ली से लघु अवधि ऋण प्राप्त करने के लिये गारंटी देने का निर्णय लिया। प्रत्येक वितरण कम्पनी द्वारा 150 करोड़ रुपये का ऋण लिया जायेगा।
दिनेश मालवीय

 

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