गुजरात में बंद का मिलाजुला असर, इंटरनेट, मोबाइल सेवाऐं बंद
महेसाणा/अहमदाबाद : आरक्षण और जेल में बंद अपने समुदाय के नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर पटेल समुदाय की विशाल रैली के कल के हिंसक रूप लेने के बाद गुजरात के कई शहरों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये हैं. कल की हिंसा के बाद आज पटेल समुदाय ने गुजरात बंद बुलाया है, जिसका राज्य में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. अशांति फैलने के डर से महेसाणा में कल कर्फ्यू लगा दिया गया था, जिसे आज हटा लिया गया है. वहीं, अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, बनासकांठा, साबरकांठा आदि शहरों में मोबाइल व इंटरनेट सेवा आज बंद कर दी गयी है. राज्य में बल्क एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालात की गंभीरता के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से बात की और केंद्र की ओर से राज्य में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए हर तरह की मदद की पेशकश की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आनंदीबेन ने सिंह को स्थिति नियंत्रित करने और शांति बनाये रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाये जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी.
कल क्या हुआ था?
कल महेसाणा में रैली ने हिंसक रूप ले लिया था. प्रदर्शनकारियों ने दो भवनों में आग लगा दी और कुछ पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त किया था. इसके बाद महेसाणा शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अहमदाबाद से 73 किलोमीटर दूर महेसाणा के जिलाधिकारी लोचन सेहरा ने कहा था, ‘‘हमने महेसाणा शहर में कल सुबह तक कर्फ्यू लगाया है. मोबाइल इंटरनेट सेवा को इस अवधि के दौरान निलंबित किया गया है. हिंसक भीड़ ने दो सरकारी संपत्तियों में आग लगा दी-एक उप संभागीय मजिस्ट्रेट और मामलातदार :राजस्व अधिकारी: पथराव की घटना में घायल हुए हैं.' पुलिस ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम की एक गोदाम और एक जिला कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया. इस सिलसिले में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
सूरत में 435 हिरासत में
सूरत में पुलिस ने 435 पटेल आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया था. ये प्रदर्शनकारी महेसाणा की घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद सड़क पर उतरे थे. सूरत के पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने कहा कि हालात नियंत्रण में है.
जिले के अधिकारियों ने बताया कि सूरत और राजकोट में एहतियाती उपाय के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
महेसाणा में पुलिस ने कथित तौर पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लिया.
पटेल समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे प्रमुख समूहों में से एक सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के आह्वान पर ‘जेल भरो आंदोलन' के तहत पटेल प्रदर्शनकारी मोढेरा चौराहे पर एकत्र हुए थे. एसपीजी प्रमुख लालजी पटेल को पुलिस के साथ टकराव के दौरान सिर में चोट लगी.
पुलिस ने दावा किया कि उसने लाठीचार्ज का सहारा तब लिया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर पथराव शुरू किया जबकि लालजी पटेल ने आरोप लगाया कि पटेल आंदोलनकारियों को बिना किसी उकसावे के निशाना बनाया गया.