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27वें दीक्षा महोत्सव पर मुनि प्रज्ञासागरजी को दी नई पिछी



ढोलढमाके के साथ रथ में सवार होकर लाए नई पिछी को-समाज के विशिष्टजनों को दिया तपोभूमि रत्न एवं तपोभूमि सारथी सम्मान
उज्जैन। तपोभूमि प्रणेता युवा संत मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज का 27वां दीक्षा महोत्सव महावीर तपोभूमि में मनाया गया। देशभर से आए लोगों की उपस्थिति में मुनि प्रज्ञासागरजी महाराज की अष्टद्रव्य से भव्य मंगल पूजा की गई। ढोलढमाके के साथ रथ में सवार होकर नई पिछी लाए जो मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज को प्रदान की गई। मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज ने पुरानी पिछी अपने अनन्य भक्त को दी। महोत्सव में प्रज्ञा कलामंच की सिंहस्थ को दर्शाती प्रस्तुति हुई। मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज द्वारा समाज में विशिष्ट योगदान देने वालों को तपोभूमि रत्न एवं तपोभूमि सारथी की उपाधि से भी नवाजा गया।
मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल के अनुसार मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज को दीक्षा लिये 27वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में तपोभूमि पर भव्य कार्यक्रम हुआ। सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलन अतिथियों ने किया। तत्पश्चात प्रज्ञा कलामंच द्वारा मंगलाचरण के रूप में नृत्य की प्रस्तुति दी गई। मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज की अष्ट द्रव्य से पूजा की गई जिसमें देशभर से आए लोगों द्वारा जल, चंदन, अक्षत, बादाम, लौंग, केसर, धूप आदि द्रव्य से पूजा की गई। तत्पश्चात मुनिश्री को नई पिछी प्रदान करने का सौभाग्य अनिलकुमार जैन बनेठा राजस्थान, पाद प्रक्षालन का सौभाग्य अनमोल जैन बड़ौदा, शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य राजेन्द्र लुहाडि़या, 27 दीपों से आरती करने का सौभाग्य राजकुमार अशोककुमार जैन इंदौर को प्राप्त हुआ। दीक्षा जयंती महोत्सव पर तपोभूमि के प्राणपण से जुड़े लालचंद अजमेरा एवं रेशमबाई को तपोभूमि रत्न की उपाधि दी गई। वहीं मदनभाई घूमड़, मनोजभाई शाह भरूच, जीतूभाई शाह मुंबई, यतीशभाई जैन कोटा, प्रतिपाल टोंग्या इंदौर, रूपेशकुमार जैन दिल्ली को तपोभूमि सारथी की उपाधि दी गई। जगमोहन सुन महू को जन सम्मान की उपाधि दी गई। संजय जैन घस्सू का जन्मदिन होने पर महाराजश्री ने उन्हें विशेष आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात साधना दीदी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया और मीना दीदी ने मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज की जीवनी बताते हुए कहा कि एक सौलह सत्रह साल के बालक मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज ने अपने हाथों में पिछी जब पकड़ी थी तो लोगों को आश्चर्य होता था कि इतनी कम उम्र में यह बालक दिगंबर साधु बनने जैसा महान कार्य कर सकता है। जैन समाज के सबसे बडे़ महाराज शांतिसागरजी महाराज का जन्म 1872 में हुआ था। वहीं मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज का जन्म 1972 में हुआ। जिन्होंने देशभर में जैन समाज उज्जैन को महावीर तपोभूमि के नाम से प्रसिध्द किया है। तत्पश्चात मुनिश्री प्रज्ञासागरजी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि दीक्षा जयंती का महोत्सव पिछी से संबंधित होता है। पिछी जब तक माथे पर लगे तो बहुत अच्छा लगता है और माथे से हाथ में आ जाए तो भवभव को सुधार देती है। एक दिगंबर साधु के पास 24 घंटे पिछी होती है वही उसका वस्त्र, वही उसका आभूषण और वही उसके साथ होती है। पिछी नही ंतो कुछ नहीं। मेरे गुरू ने मुझे पिछी देकर मेरे जन्म को तार दिया है और मुझे मुक्ति के मार्ग पर चलने का मार्गप्रशस्त किया है। इसी कार्यक्रम में गुरूदेव की पुरानी पिछी का विक्रमभाई गुजरात को प्रदान की गई। सकल दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला ने शहर में चल रहे तीन दिवसीय महावीर जयंती महोत्सव के सभी आयोजनों में समाज के लोगों से शामिल होने का अनुरोध किया है।
इस अवसर पर महावीर तपोभूमि पर संपूर्ण समाजजनों का वात्सल्य भोज हुआ। बाहर से आए सभी अतिथियों का सम्मान ट्रस्ट द्वारा किया। जिसमें प्रमुख रूप से तपोभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला, सचिव महेश जैन, उपाध्यक्ष पवन बोहरा, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र लुहाडि़या, सुगनचंद सेठी, फूलचंद छाबड़ा, सुनील जैन ट्रांसपोर्ट, डाॅ. नेमीचंद जैन, इंदरमल जैन, महेन्द्र रांवका, अमृतलाल जैन, ओमप्रकाश जैन, सुशील गोधा, संजय बड़जात्या, राजकुमार सालगिया, धर्मेन्द्र सेठी, देवेन्द्र जैन, हेमंत गंगवाल, भूषण जैन, मिलचंद जैन, तेजकुमार विनायका, महेन्द्र लुहाडि़या, संजय बोहरा, सुधीर चांदवाड़ा, सुनील जैन, निर्मल सेठी, राजेन्द्र बड़जात्या, सोहनलाल जेन, जयेश जैन, धर्मचंद पाटनी, संतोष लुहाडि़या, दीपक जैन, विनोद बड़जात्या, अतुल सौगानी, विकास सेठी, गिरीश बड़जात्या, दिलीप कासलीवाल, प्रदीप जैन, रमेश जैन, कमल मोदी, आरसी गंगवाल, बसंत जैन, दिनेश जैन, धीरेन्द्र सेठी, संजय बालमुकुंद जैन, पुष्पराज जैन, सौरभ कासलीवाल, चंदा बिलाला, ज्योति जैन, बिनी बिलाला सहित समाजजन उपस्थित थे।
आज टाॅवर पर 1216 दीपों से महाआरती
मीडिया प्रभारी कासलीवाल के अनुसार आज शाम 7 बजे टावर चैक पर 1216 दीपों से महाआरती एवं विराट कवि सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा। जिसके सूत्रधार कवि सत्यनारायण सत्तन इंदौर होंगे। जिसमें देशभर के चर्चित कवि हिस्सा लेंगे। 19 अप्रैल को शाम 4 बजे तपोभूमि पर भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के अंतर्गत भव्य रथयात्रा, मंगल प्रवचन, कलशाभिषेक, शांतिधारा होगी। तत्पश्चात पालना उत्सव का आयोजन कर भगवान महावीर स्वामी की 1008 दीपों से महाआरती की जाएगी।

 

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