'गुड़गांव' अब होगा 'गुरुग्राम', हरियाणा सरकार ने की घोषणा
हरियाणा सरकार ने मंगलवार को गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम करने की घोषणा की। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, 'गुड़गांव का नाम बदलने का फैसला कई संस्थाओं के ज्ञापनों के आधार पर किया गया, जिसके मुताबिक गुड़गांव का नाम गुरुग्राम ज्यादा उपयुक्त होगा।'
प्रवक्ता ने कहा, 'हरियाणा भगवद्गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुड़गांव विद्वता का केंद्र रहा है। गुरु द्रोणाचार्य के समय से ही इसे गुड़गांव के नाम से जाना जाता रहा है। गुड़गांव शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जहां राजाओं को शिक्षा दी जाती थी।'
क्या है गुरुग्राम की कहानी?: इस बारे में किंवदंती है कि गुड़गांव का नाम गुर द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है। वह कौरवों और पांडवों के गुरु थे। यह गांव उनके छात्रों--पांडवों ने उन्हें गुरदक्षिणा में दिया था और इसलिए इसका नाम गुरग्राम पड़ा जो बाद में विकृत होकर गुड़गांव हो गया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हरियाणा भागवत गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुड़गांव शिक्षा का केंद्र रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘यह गुरु द्रोणाचार्य के समय से गुड़गांव के नाम से जाना जाता था। गुड़गांव शिक्षा का महान केंद्र था जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। इसलिए लंबे समय से लोग मांग कर रहे थे कि गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया जाए।’
क्या कहती है पौराणिक कथा?: पौराणिक कथाओं में गुड़गांव को व्यापक साम्राज्य बताया गया है जिसे यदुवंशी राजपूतों और जादौन कबीले द्वारा शासित किया गया था। भारत में मुगलों के आगमन के बाद इसे बाबर ने कब्जे में ले लिया। अकबर के शासन के दौरान, दिल्ली और आगरा के अधीन ही गुड़गांव का शासन चलाया गया। मुगल शासन के अंत के बाद 1803 में, सिंधिया के साथ सुर्जी अर्जुनगांव ट्रीटी से इसका अधिकतर इलाका अंग्रेजी आधिपत्य के अंतर्गत आ गया।
इस टाउन में पहले घुड़सवार यूनिट की तैनाती की गई। इसकी तैनाती के पीछे उद्देश्य सिर्धाना की बेगम सामरू की सेना पर नजर रखना था। यह जिले का हिस्सा था, जिसे परगना में बांटा गया था। 1857 के संग्राम तक गुड़गांव में बहुत कुछ नहीं बदला था। 1861 में, गुड़गांव जिस जिले का हिस्सा था उसे 5 तहसील में बांट दिया गया। ये तहसीलें गुड़गांव, फिरोजपुर झिरका, नूह, पलवल और रेवाड़ी थे। आधुनिक शहर गुड़गांव तहसील के अंतर्गत था।
1947 में, गुड़गांव स्वतंत्र भारत का हिस्सा बना और पंजाब राज्य में आया। 1966 में, नए राज्य के गठन के बाद यह हरियाणा में शामिल हो गया।