अब घर खरीदना हुआ सस्ता, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट .25 प्रतिशत घटायी
आम लोगों के लिए अच्छी खबर. अब घर खरीदना सस्ता हुआ. रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी का आज एलान किया. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट .25 प्रतिशत घटायी. अब रेपो रेट 6.5 प्रतिशत हुआ. रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि मानसून अच्छा रहा तो ब्याज और घट सकता है.
रेपो रेट कम होने से कर्ज लेकर घर और कार खरीदने वालों को राहत मिलेगी. हालांकि आरबीआई के बड़े एलान से पहले शेयर बाजार में गिरावट दिखी है. महंगाई और ईएमआई के बोझ तले दबे होम लोन ग्राहकों को आज रिजर्व बैंक की ओर से राहत मिली है. वित्तीय साल 2016-17 के लिए रिजर्व बैंक सालाना मौद्रिक और कर्ज नीति पेश किया है.
आपको बता दें कि रेपो रेट वो ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक बैंकों को कर्ज देता है. अब बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा और तब बैंक उसका फायदा अपने ग्राहकों तक भी पहुंचा सकते हैं. इस बार ब्याज दर में कटौती के लिए आर्थिक संकेत भी अच्छे थें
सरकार छोटी बचत योजनाओं पर पहली अप्रैल से ब्याज दर घटा चुकी है . आरबीआई और सरकार के बीच हुए समझौतों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर छह फीसदी के नीचे बनी हुई है. 2015-16 के दौरान सरकारी खजाने का घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट लक्ष्य के मुताबिक 3.9 फीसदी रहने के आसार हैं.
रेपो रेट एक चौथाई कम हुआ है और इसके बाद बैंक होम लोन की ब्याज में एक चौथाई फीसदी की कमी करते हैं तो 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लेने वालों को 490 रुपये का फायदा होगा.
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक बैंकों ने पहली अप्रैल से कर्ज पर ब्याज दर के आकलन का नया तरीका अपनाया है. इससे नीतिगत ब्याज दर में हुई कटौती का ज्यादा से ज्यादा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना संभव हो सकेगा.
रिजर्व बैंक ने 2015 के दौरान रेपो रेट में सवा फीसदी की कटौती की थी, जिसके बाद बैंकों ने जमा पर ब्याज दरों में 93 बेसिस प्वाइंटस और कर्ज पर केवल 63 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी.
बैंकों की दलील थी कि ज्यादा ब्याज घटाने का मतलब जमा से जुटाई रकम में कमी आती और इसका असर कर्ज के लिए पैसा जुटाने पर पड़ता. साथ ही छोटी बचत योजनाओं पर बैंक डिपॉजिट के मुकाबले ब्याज की दर ज्यादा थी. फिलहाल अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों से बैंकों के लिए ब्याज दर में ज्यादा कटौती का रास्ता साफ हो गया है.