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बेटी ने किया दर्द बयां, कहा- गोलियां खत्म होने के बाद भी वो पापा को मारते रहे


यूपी के बिजनौर में NIA अफसर तंजील अहमद की हत्या के चालीस घंटे बीत चुके हैं लेकिन पुलिस को अभी तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला है.

हत्या के पीछे कोई आपसी रंजिश थी या फिर आतंकियों की कोई साजिश, पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है. लेकिन बिजनौर में NIA अफसर को जिस तरह से मारा गया है उसके बाद यूपी की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

शनिवार की रात यूपी के बिजनौर में NIA अफसर तंजील अहमद पर बदमाश तबतक गोली चलाते रहे जब तक उन्हें ये यकीन नहीं हो गया कि तंजील की सांसें थम चुकी हैं.

जिस वक्त तंजील अहमद की गाड़ी पर हमला हुआ था गाड़ी में तंजील के अलावा उनकी पत्नी और दोनों बच्चे मौजूद थे. पहली गोली चलते ही तंजील ने अपने बच्चों से सीटे के नीचे छिप जाने को कहा था.

हमले में तंजील अहमद की पत्नी भी बुरी तरह जख्मी हुई हैं लेकिन दोनों बच्चे बाल-बाल बच गए. शादी समारोह से घर लौटते वक्त जिस तरह से तंजील अहमद को गोली मारी गई उससे साफ है कि हत्यारों का मकसद सिर्फ तंजील की जान लेने का था.

”दो लोग थे बाइक पर दोनों आगे से आए हमारी गाड़ी को देखकर यू टर्न लिया औप पापा वाली साइड पर आकर पीछे वाली ने शूटिंग की. जब शीशा टूटा तो पापा का कंट्रोल खो गया और आगे जाक गाड़ी ठुक गई. वो मारते गए पापा को मारते गए उनकी गोलियां खत्म हो गईं तब भी वो फिर से भरकर मारते गए जब तक पापा खत्म नहीं गो गए.”  ये तंजील अहमद की उस बेटी का दर्द भरे शब्द हैं जो घटना के वक्त उनके साथ मौजूद थी.

तंजील के भाई के मुताबिक बदमाशों ने शादी समारोह में आकर रेकी भी की थी. बाइक पर सवार दो संदिग्धों को तंजील के भाई ने देखा था. लेकिन हत्या के दो दिन बाद भी पुलिस और जांच एजेंसियों के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है.

हत्या के पीछे कोई आपसी रंजिश थी या फिर आतंकियों की साजिश पुलिस इस सवाल का जवाब ढूढ रही है. यूपी पुलिस के साथ ही एटीएस, एसटीएफ और एनआईए की टीम भी जांच में जुटी हुई है.

आतंकियों पर शक इसलिए हो रहा है क्योंकि NIA में रहते हुए तंजील अहमद ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशन में अहम रोल निभाया था.

परिवार वालों की मदद से पुलिस शादी के वीडियो की भी जांच कर रही है ताकि हत्या से पहले शादी समारोह में आए संदिग्धों की पहचान हो सके. बीच सड़क पर NIA के अफसर को गोलियों से भून दिया जाता है और पुलिस को भनक तक नहीं लगती. बिजनौर में जिस जगह तंजील अहमद को गोली मारी गई थी वहां से कुछ ही दूरी पर पुलिस चौकी भी है.

सवाल यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर भी उठ रहे हैं. बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो NIA अफसर की हत्या करने से भी नहीं घबराते. ऐसे में आम आदमी की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?

कौन थे तंजील अहमद?
NIA में रहते तंजील अहमद ने कई आतंकी मॉड्यूल को तबाह करने में अहम रोल निभाया था. तंजील की अगुवाई में कई आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. एनआईए में साढ़े 6 साल के करियर में उन्होंने इन्डियन मुजाहिदीन, सिमी, IS , Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh जैसे आतंकी संगठनों के भारत में पनप रहे नेटवर्क की कमर तोड़ने का काम किया था

 

 

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