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गूगल, याहू में विज्ञापन के लिए भी चुकाना पड़ेगा टैक्स


हिंदुस्तान में बैठकर सात समंदर पार वेब एड प्रोवाइडर कंपनी गूगल, याहू समेत अन्य में विज्ञापन देने वालों पर अब कर का बोझ बढ़ेगा। एक लाख से अधिक के भुगतान पर 6 प्रतिशत की इक्वलाइजेशन लेवी विज्ञापनदाताओं को आयकर विभाग, भारत सरकार को चुकानी होगी। नहीं चुकाने या देरी से चुकाने पर जुर्माने का प्रावधान भी है।
सीए राजेश मेहता ने बताया कि विदेशों से संचालित वेब एड प्रोवाइडर कंपनियों में अभी तक विज्ञापन कराने पर आयकर की धारा 195 के तहत टीडीएस लागू नहीं होने से कोई टैक्स नहीं लगता था। आयकर विभाग सूत्रों के अनुसार विज्ञापन के नाम पर प्रतिवर्ष दो हजार से तीन हजार करोड़ रुपए विदेशों में जाते थे। इसे देखते हुए एक जून 2016 से करारोपण की यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
दायरे में ये वेब एड प्रोवाइडर
गूगल, गूगल प्लस, याहू, सिफी, रेडिफ, माय स्पेस, नेट लॉग, वर्ड प्रेस, यूट्यूब, लिंकडिन, फ्लिकर और बजनेट आदि।
ऑनलाइन ट्रेडिंग में 6 प्रतिशत प्रवेश कर
इधर, ऑनलाइन ट्रेडिंग में 6 प्रतिशत प्रवेश कर लगाने की घोषणा कर मध्यप्रदेश सरकार ने अपना खजाना भरने की तैयारी कर ली है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में फ्लिपकार्ट, अमेजन, रेडिफ.कॉम, जबांग, पेटीएम, ब्ल्यू स्टोन जैसी कई कंपनियां काम कर रही हैं। सरकार के इस कदम से आम आदमी तक पहुंचने वाले उत्पाद की लागत बढ़ेगी।

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