प्रभु संग खेली होली
परमात्मा को लक्ष्य बनाकर सद्कर्म किये जाएं-स्वामी विश्वात्मानंद
उज्जैन। त्यौहारों को आध्यात्मिक रूप से मनाने से यज्ञों के समान फल मिलता है। भगवान के नाम पर आश्रित रहने वालों का बाल भी बांका नहीं हो सकता। यह होलिका पर्व इस बात का प्रतीक है कि हिरण्या कश्यम ने नारायण भक्त प्रहलाद को अनेक यातनाएं दी। परंतु भगवान नारायण ने सभी कष्टों में प्रहलाद की रक्षा की। यही होलिका पर्व प्रभु को स्मरण करने वालों को प्रेरणा एवं संदेश देता है। स्वामीजी के पंडाल लालपुर में सत्संग एवं होली उत्सव मनाया गया। जहां भक्तों ने फूलों, गुलाल से होली पर्व मनाया। इस अवसर पर अजीत मंगलम, हरिसिंह यादव, रवि राय, कुमार भाई, श्याम जायसवाल, महेश तिलक, घनश्याम लुधियानी, सुनील वाजपेयी, पं. हितेश शुक्ल, राहुल नागर, देवेन्द्र परमार, देवेन्द्र राय, मांगीलालराय आदि उपस्थित थे।