यहां जलती होली में कूदता है प्रहलाद भक्त पंडा
प्रह्लाद के भक्त हीरालाल पंडा गुरुवार तड़के 4 बजे जलती होली में कूदे। यह होली 30 फीट डाइमीटर (चौड़ी) और 15 फीट ऊंची थी। मथुरा के कोसीकलां कस्बे से 7 किमी दूर फालैन गांव में कौशिक परिवार के सदस्य सालों से इस प्रह्लाद लीला को निभा रहे हैं। इस अनोखी लीला को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ गांव में पहुंची। आगे पढ़िए, कैसे शुरू हुई ये परंपरा और क्यों खतरों से खेलते हैं लोग…
- इस गांव में गोपालजी मंदिर के संत रामानुज दास ने बताया कि करीब 100 साल पहले गांव में साधु तप करते थे।
- एक साधु को सपने में डूंगर के पेड़ के नीचे एक मूर्ति दिखाई दी।
- अगले दिन उसने कौशिक परिवार से उसी जगह पर खुदाई करवाई।
- खुदाई में इस जगह से भगवान नृसिंह और भक्त प्रह्लाद की प्रतिमा निकली।
- इसके बाद इन प्रतिमाओं को उसी जगह पर मंदिर बनाकर स्थापित कर दिया गया।
- इस दौरान साधु ने कौशिक परिवार को आशीर्वाद दिया था कि अगर उसके परिवार के सदस्य शुद्ध मन से पूजा करके जलती हुई होलिका से गुजरेगा तो उस पर आग का असर नहीं होगा।
- आग में कूदने वाले व्यक्ति को प्रह्लाद की तरह आग की लपटें नुकसान नहीं करेंगी।
हीरालाल ने दूसरी बार निभाई आग में कूदने की परंपरा
- फालैन गांव में दशकों से प्रह्लाद की तरह आग में कूदने की परंपरा निभाई जा रही है।
- कौशिक परिवार के हीरालाल पंडा जलती होली में कूदने के लिए 40 दिन से मंदिर में रह रहे थे।
- इस दौरान उन्होंने अन्न छोड़ दिया था। पानी और फल ही इस्तेमाल करते थे।
- बुधवार को होली सजा दी गई थी। यह लकड़ियां, कंडे और झाड़ियों से बनाई गई थी।
- बुधवार को पूरे दिन-रात हीरालाल पंडा प्रह्लाद का जप करते रहे।
- गुरुवार की सुबह 4 बजे होली में आग लगा दी गई।
- इस दौरान हीरालाल की बहन उन्हें प्रह्लाद कुंड तक ले गई।
- यहां हीरालाल ने डुबकी लगाई और दौड़ते हुए होलिका की ओर बढ़ गए।
- हीरालाल ने करीब 20 फीट से ज्यादा ऊंची उठती लपटों में छलांग लगा दी। वह दौड़ते-कूदते हुए बाहर निकले।
- बाहर आते ही लोगों ने उन्हें उठाया और फिर मंदिर ले गए। उनका सिर्फ पैर झुलस गया।
आग से बचने के लिए मची भगदड़, कई घायल
- होलिका दहन से पहले लोगों की भीड़ होलिका से 5 फीट की दूरी तक थी।
- लेकिन होलिका जलते ही आग की तपिश से करीब 25 फीट की दूरी तक लोगों को रुकना मुश्किल हो रहा था।
- अचानक तपिश बढ़ने से भगदड़ मच गई। लोग जलने से बचने के लिए दूर भागने लगे।
- भगदड़ में लोग एक-दूसरे पर चढ़कर जाने लगे। एक दर्जन लोग घायल हुए।
5 गांवों की एक साथ जलती है होली
- यहां 5 गांवों की होली एक साथ जलती है। इसका आकार काफी बड़ा होता है।
- होलिका दहन से पहले गांव के लोग ढोल-मंजीरा बजाकर डांस करते हुए प्रह्लाद मंदिर पहुंचते हैं।
- यहां गुलाल और अबीर की बरसात के साथ मंदिर में पूजा होती है।