CBI जानती थी देश से भागने वाले हैं माल्या, जाने से एक दिन पहले आए थे संसद
नई दिल्ली। शराब कारोबारी विजय माल्या के देश से भागने के मुद्दे पर सरकार और कांग्रेस भिड़ रही हैं। संसद के अंदर-बाहर तीखी बयानबाजी चल रही है। इस मामले में अब नया खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि सीबीआई को पता था कि माल्या देश से भागने वाले हैं लेकिन उसके पास अरेस्ट वारंट न होने की वजह से उन्हें अरेस्ट नहीं किया जा सका। यह भी खुलासा हुआ है कि 2 मार्च को देश छोड़ने से एक दिन पहले यानी 1 मार्च को माल्या राज्यसभा में आए थे। सीबीआई को माल्या के इरादों की जानकारी भी थी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) ने सीबीआई को अलर्ट कर दिया था कि माल्या देश छोड़कर जाने वाले हैं। अलर्ट के बाद भी सीबीआई ने माल्या को रोकने की कोशिश इसलिए नहीं की क्योंकि उसके पास माल्या के खिलाफ अरेस्ट वारंट नहीं था। हालांकि, ये बात भी सही है कि माल्या के खिलाफ पिछले साल ही और वो भी सीबीआई की रिक्वेस्ट पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। राज्यसभा के अटेंडेंस रिकॉर्ड के मुताबिक, विजय माल्या 1 मार्च को राज्यसभा में मौजूद रहे। अगले ही दिन यानी दो मार्च को वो देश से भागने में कामयाब हो गए। माल्या दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। पहली बार 2002 में और इसके बाद 2010 में। दूसरी बार वो कर्नाटक से बतौर इंडिपेंडेट कैंडिडेट इलेक्ट हुए थे। माल्या संसद की दो कमेटियों के मेंबर हैं। पहली कमेटी एविएशन मामलों से जुड़ी है तो दूसरी कॉमर्स से।
राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार ने माल्या को भागने दिया। जबकि जेटली ने कहा कि माल्या के बाहर जाने और क्वात्रोची के भागने में फर्क है। बता दें कि इटली के नागरिक क्वात्रोची पर बोफोर्स तोप सौदे में दलाली लेने का आरोप था। राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद भवन से बाहर मीडिया से बात करते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा- ''अभी हमने जेटलीजी से सवाल पूछा। माल्या देश से बाहर कैसे भागे। उन पर लुकआउट नोटिस है तो वे राज्यसभा मेंबर कैसे हैं? आपकी सरकार ने इनको भागने क्यों दिया? जिन पर 9000 करोड़ रुपए बकाया है, उनको आपकी सरकार ने जाने क्यों दिया?''
इस पर जेटलीने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "राहुलजी याद रखें कि माल्या के बाहर जाने और क्वात्रोची के बाहर जाने में अंतर है। स्विट्जरलैंड के अफसरों ने जब सूचित किया था कि बोफोर्स घोटाले में फायदे पाने वालों में क्वात्रोची भी हैं, तब जांच कर रहे अधिकारी माधवन ने सरकार को बताया था कि इन्हें रोका जाए। तब भी उस वक्त की सरकार ने क्वात्रोची को रोका नहीं था। वे दो दिन में देश से बाहर चले गए थे। राहुलजी को शायद तारीखें समझ में नहीं आईं।''
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजादने कहा, ''विजय माल्या सुई नहीं है जो ऐसे लापता हो जाए। एक किलोमीटर दूर से दिखने वाला शख्स, लंबा-चौड़ा, परियों-हूरों के साथ चलता है। वो गायब हो जाता है? सीबीआई के लुक आउट नोटिस देने के बाद पासपोर्ट जब्त क्यों नहीं हुआ? सबसे पहले तमाम एजेंसियों को उसका पासपोर्ट जब्त करना चाहिए था। भागने में यह सरकार पार्टी है। कोर्ट में सरकार को पार्टी बनाना चाहिए।'' इस पर राज्यसभा में अरुण जेटली ने कहा, ''माल्या की कंपनी को 2004 सितंबर में पहली बार सुविधा दी गई। 2 फरवरी, 2008 को फिर लोन दिया गया। जब उस वक्त अकाउंट बिगड़ा था, तो लोन क्यों दिया गया? अब सीबीआई इसकी जांच कर रही है। 30 अप्रैल 2009 को पहली बार अकाउंट एनपीए हुआ। लेकिन फिर 21 दिसंबर 2010 को इसे रिस्ट्रक्चर किया गया।'' - ''ये मामला कैसे चल रहा था। ये तारीखें अपनी कहानी खुद बताती हैं। एनपीए को किसके सपोर्ट से रिस्ट्रक्चर किया गया? हम (बीजेपी) तो विपक्ष में थे।" 30 नवंबर 2015 तक ब्याज मिलाकर माल्या पर 9091 करोड़ रुपए की टोटल लाइबिलिटी है। 22 केस दर्ज हैं।" ''कई एसेट्स अटैच कर लिए गए हैं। बैंक भी कदम उठा रहे हैं पैसा रिकवर करने के लिए।''
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि माल्या को इंडियन एम्बेसी के जरिए नोटिस भेजा जाए। लेकिन माना जा रहा है कि बिना सटीक पोस्टल ऐड्रेस के यूके में माल्या का घर खोजना मुश्किल है। यूके में Queen Hoo road पर माल्या का एक बहुत बड़ा बंगला है, लेकिन कहा जा रहा है कि कुछ दिनों से वे यहां नहीं देखे गए। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ पड़ोसियों ने माल्या को दो दिन पहले यहां देखने का दावा किया है। एक पड़ोसी का कहना है कि वह पब में रेग्युलर आते हैं। कल फोर्स इंडिया की लोगो वाली ब्लैक ऑडी कार से एक महिला उनसे यहां मिलने भी आई थी।'' 'जब वे यहां आते हैं तो इलाके में हलचल-सी रहती है, क्योंकि कई फैन्सी कारें इधर-उधर देखी जाती हैं।''