एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के ई-कॉमर्स बाजार की रफ्तार सबसे अधिक
चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और ऑस्ट्रेलिया में कुल ऑनलाइन खुदरा बिक्री का राजस्व वर्ष 2020 तक बढ़कर 1.4 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा, जो वर्ष 2015 में 733 अरब डॉलर था। फॉरेस्टर की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत दो सबसे बड़े और सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले ई-कॉमर्स बाजार होंगे। एशिया पैसिफिक ऑनलाइन रिटेल फॉरकास्ट 2015-20 रिपोर्ट के मुताबिक एशिया प्रशांत के इन केवल पांच बाजारों का कुल ऑनलाइन खुदरा राजस्व अमेरिका एवं पश्चिमी यूरोप के ऑनलाइन खुदरा के संयुक्त आंकड़े को पार कर जाएगा। फॉरेस्टर के विश्लेषक और रिपोर्ट के लेखक लिली वारोन ने कहा कि भारत की ऑनलाइन खरीदारी करने वाली आबादी अगले पांच वर्षों के दौरान 28 फीसदी चक्रवर्ती वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ेगी। इतना ही नहीं, फॉरेस्टर ने अनुमान जताया है कि भारत में ऑनलाइन खुदरा बाजार वर्ष 2020 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर हो जाएगा, जो वर्ष 2015 में 12 अरब डॉलर था। यह ऑनलाइन कारोबार में 44 फीसदी सीएजीआर को दर्शाता है।
वारोन ने कहा, 'एशिया प्रशांत में इन देशों की वैश्विक ई-कॉमर्स की वृद्धि को बढ़ाने में अहम भूमिका होगी।' उन्होंने कहा, 'एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऑनलाइन खुदरा बाजारों का आकार और परिपक्वता स्तर अलग-अलग हैं। इन विभिन्नताओं के बावजूद एशिया प्रशांत के हर बाजार के रुझान साफ दिख रहे हैं।' उदाहरण के लिए भारत में ऑनलाइन खुदरा बिक्री में मोबाइल व्यापार का हिस्सा पहले से ही करीब 50 फीसदी है, जबकि यह चीन में करीब 48 फीसदी और अमेरिका में 34 फीसदी है। फॉरेस्टर का अनुमान है कि भारत में वर्ष 2016 में मोबाइल की बिक्री पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री से आगे निकल जाएगी और वर्ष 2020 तक 51 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।