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स्मृति इरानी के 'महिषासुर वार' पर बढ़ी तकरार, कांग्रेस ने दुर्गा का अपमान बताया, माफी की मांग की


नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जब जेएनयू में मां दुर्गा के बारे में कुप्रचार और महिषासुर के महिमामंडन के बारे में जब बोला तो विपक्ष इसे सहन नहीं कर सका। विपक्ष ने इस मसले पर ताबड़तोड़ हमले किए और सदन की कार्यवाही भी बार-बार बाधित हुई। कांग्रेस ने स्मृति पर दुर्गा के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि स्मृति को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के इस कदम को आपत्तिजनक बताया और कहा कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ये गलत परंपरा है और ईरानी अगर माफी नहीं मांगतीं हैं तो इसका असर सदन की कार्रवाई पर पड़ेगा। स्मृति ईरानी ने कहा था कि ये छात्र महिषासुर को पूर्वज मानते हैं लेकिन मां दुर्गा का अपमान करते हैं।

स्मृति ईरानी ने संसद में बहस के दौरान महिषासुर दिवस के आयोजन का एक पर्चा पढ़कर सुनाया था। उन्होंने कहा कि ' मुझे ईश्वर माफ करें इस बात को पढ़ने के लिए। इसमें लिखा है कि दुर्गा पूजा सबसे ज्यादा विवादास्पद और नस्लवादी त्योहार है। जहां प्रतिमा में खूबसूरत दुर्गा मां को काले रंग के स्थानीय निवासी महिषासुर को मारते दिखाया जाता है। महिषासुर एक बहादुर, स्वाभिमानी नेता था, जिसे आर्यों द्वारा शादी के झांसे में फंसाया गया। उन्होंने एक सेक्स वर्कर का सहारा लिया, जिसका नाम दुर्गा था, जिसने महिषासुर को शादी के लिए आकर्षित किया और 9 दिनों तक सुहागरात मनाने के बाद उसकी हत्या कर दी। स्मृति ने गुस्से से तमतमाते हुए सवाल किया कि क्या ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? कौन मुझसे इस मुद्दे पर कोलकाता की सड़कों पर बहस करना चाहता है?

सरकार की ओर से बोलते हुए नेता सदन अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे से बहस को भटकाने की कोशिश कर रहा है। जेटली ने कहा कि कोई विचारधारा देश को तोड़ने की बात करे तो ये स्वीकार्य नहीं। यह बात बहुत स्पष्ट है कि इस देश में शैक्षिक स्वतंत्रता पर कोई पाबंदी नहीं है। जेटली ने कहा कि कोई राष्ट्रविरोधी विचारधारा को कैसे स्वीकर कर सकता है। जेटली ने कहा कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी देश विरोधी नारे लगे। ये कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?  

 

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