रिटायर्ड फौजियों का सुझाव- देशभक्ति का मैसेज देने के लिए JNU में आर्मी टैंक लगाओ
नई दिल्ली। देश विरोधी नारे लगने को लेकर सुर्खियों में आए जेएनयू कैम्पस में कुछ बदलाव नजर आ सकते हैं। स्टूडेंट्स के बीच नेशनलिज्म को बढ़ावा देने के लिए यहां आर्मी टैंक रखने के साथ आर्मी मेमोरियल बनाया जा सकता है। जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन को पूर्व सैनिकों ने यह सलाह दी है। ताकि देश के लिए जान देने वाले सैनिकों की याद पथभ्रष्ट विद्धार्थियों को दिलाई जा सके। मंगलवार को पूर्व सैनिकों और अफसरों के एक संगठन ने जेएनयू के वीसी एम. जगदीश कुमार से मुलाकात की। मुलाकात की जानकारी बुधवार को यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भूपिंदर जुत्शी ने मीडिया को दी। जुत्शी के मुताबिक, पूर्व सैनिकों ने वीसी से कहा कि कैम्पस के माहौल को बदलने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। कैम्पस में आर्मी टैंक रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, देश के लिए जान देने वाले सैनिकों के सम्मान में एक मेमोरियल भी बनाया जा सकता है। इसका मकसद स्टूडेंट्स के बीच नेशनलिज्म की भावना को बढ़ावा देना है।" जुत्शी ने कहा कि हम इन सुझावों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
जुत्शी ने कहा, "हम कई तरीके अपनाने पर विचार कर रहे हैं। इसमें एक वॉल ऑफ फेम भी शामिल है। इस पर शहीद हुए सैनिकों के नाम और फोटोग्राफ्स लगाए जाएंगे।" एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स और आर्मी अफसरों के बीच कम्युनिकेशन शुरू करने पर भी विचार कर रहा है। पूर्व सैनिकों और वीसी के बीच मुलाकात देशद्रोही नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान के सरेंडर किए जाने से कुछ घंटे पहले हुई। उमर और अनिर्बान को बुधवार को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। जेएनयू का एक और स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार पहले ही जेल में है।
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) निरंजन सिंह मलिक ने वीसी से कहा, "सैनिकों और स्टूडेंट्स के बीच मुलाकातें शुरू होनी चाहिए और इन्हें रूटीन प्रॉसेस बनाना चाहिए। कैम्पस में सैनिकों से जुड़ी वॉल ऑफ फेम बनाई जानी चाहिए। इससे स्टूडेंट्स के बीच नेशनलिज्म को बढ़ावा मिलेगा।" मेजर जनरल (रिटायर्ड) जी.डी. बख्शी ने कहा, "देश कई क्षेत्रों और लोगों से मिलकर बनता है। अगर आप कश्मीर या मणिपुर को काटने की कोशिश करेंगे तो खून तो बहेगा ही।"
कुछ महीनों पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर सुसाइड करने वाले स्टूडेंट रोहित वेमुला के समर्थन में मंगलवार को जंतर-मंतर पर एक रैली की गई थी। इस रैली में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए थे। बुधवार को इसके जवाब में एबीवीपी ने रामलीला मैदान से जंतर-मंतर के बीच मार्च निकाला। मार्च के दौरान राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, बृंदा करात और डी. राजा समेत कई दूसरे नेताओं के खिलाफ नारे लगाए गए। इस मार्च में हजारों स्टूडेंट्स शामिल हुए। इसमें 'जेएनयू के गद्दारों को- गोली मारो सारों को' और 'जिस कश्मीर के लिए हम लड़े हैं, वो कश्मीर हमारा है' जैसे नारे लगाए गए।