जाट आंदोलन के कारण हरियाणा को 20000 करोड़ रुपये का नुकसान - एसौचेम
नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम का कहना है कि हरियाणा में मौजूदा जाट आंदोलन के कारण सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने से राज्य को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसी के साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में व्यापारियों तथा उद्योगों को इससे जुड़ा नुकसान झेलना पड़ा है।
एसोचैम ने कहा है,‘हरियाणा में मौजूदा हिंसक आंदोलन के कारण सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान तथा व्यापारिक व परिवहन गतिविधियों के रकने से 18,000-20,000 करोड़ रूपये का नुकसान तो पहले ही हो चुका है।’ संगठन ने हालांकि यह नहीं बताया है कि उसने यह आंकड़ा कैसे निकाला।
हरियाणा की सीमाएं दिल्ली, पंजाब, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश को लगती हैं। अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग व रेल लाइनें इस राज्य से होकर गुजरती हैं इसलिए सामूहिक या आंदोलन के असर से जुड़ा नुकसान कहीं अधिक होगा। इसके अनुसार आंदोलन के कारण सबसे अधिक नुकसान रोहतक, झज्जर, बहादुरगढ, हिसार, भिवानी, जींद, गोहाना, सोनीपत, कैथल, करनाल व पानीपत जिलों के उद्योगों को हुआ है।