वामपंथ और देशद्रोह की खुराक के लिये कुख्यात जेएनयू में पढ़े थे – शहीद कैप्टन पवन जाट
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सोमवार को तीसरे दिन भी एनकाउंटर जारी है। अब तक कैप्टन पवन कुमार समेत पांच लोग शहीद हुए हैं। हरियाणा के जींद के रहने वाले कैप्टन पवन जाट थे। उन्होंने ग्रेजुएशन उसी जेएनयू से किया था जिसके छात्रों पर देशविरोधी नारे लगाने के आरोप हैं। आर्मी डे को ही जन्मे थे पवन...
आतंकियों ने शनिवार को श्रीनगर के बाहरी इलाके में सात मंजिला इमारत पर कब्जा कर लिया था। उसमें करीब डेढ़ सौ लोग फंसे थे। पहले सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाला। उनके तीन जवान शहीद हो गए। फिर सेना के स्पेशल फोर्स पैरा के कैप्टन पवन टुकड़ी के साथ मौके पर पहुंचे।एनकाउंटर में कैप्टन पवन और कैप्टन तुषार महाजन के साथ तीन जवान शहीद हो गए। एक आतंकी भी मारा गया। कैप्टन पवन आर्मी-डे (15 जनवरी 1993) को ही जन्मे थे। तीन साल पहले आर्मी में शामिल हुए। दो ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार चुके थे।
जाट आंदोलन के कारण पवन का शव सोमवार को हवाई मार्ग से जींद लाया जाएगा। सेना ने पवन के अंतिम संस्कार के लिए लोगों से मदद की अपील की है।
फेसबुक पर अपने आखिरी पोस्ट में क्या लिखा था शहीन कैप्टन ने?
शहीद कैप्टन ने लिखा था, “किसी को रिजर्वेशन चाहिए तो किसी को आजादी भाई। हमें कुछ नहीं चाहिए भाई। बस अपनी रजाई।”
क्या काम करता है EDI सेंटर?
- जम्मू-कश्मीर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट 1997 में खोला गया था।
- EDI सेंटर ने साल 2004 से अपनी एक्टिविटीज की शुरुआत की थी।
- इंस्टीट्यूट एंटरप्रेन्योरशिप लर्निंग और ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर काम करता है।
- स्टेट के 22 डिस्ट्रिक्ट में एंटरप्रेन्योरशिप को प्रमोट करने के लिए यह काम करता है।
- जम्मू-कश्मीर के अलावा लद्दाख सेंटर भी इससे जुड़ा हुआ है।