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डीयू के पूर्व प्रोफेसर गिलानी की जमानत याचिका खारिज, 3 मार्च तक भेजा न्यायिक हिरासत में


नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस.ए.आर. गिलानी की जमानत याचिका एक अदालत ने शुक्रवार को नामंजूर कर दी है। गिलानी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर प्रेस क्लब में कथित तौर पर एक कार्यक्रम का आयोजित करने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। महानगर दंडाधिकारी हरविंदर सिंह ने गिलानी की याचिका नामंजूर कर दी। गिलानी को गुरुवार को तीन मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उल्लेखनीय है कि अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में 10 फरवरी को क्लब परिसर में कश्मीरी छात्रों ने नारेबाजी की थी। पुलिस ने इस पर देशद्रोह और अपराधिक साजिश की धाराओं के तहत उसी दिन प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी क्लब की ओर से मिली शिकायत के बाद दर्ज की गई थी।

                                                                                        गिलानी की गिरफ्तारी जेएनयू छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे विवाद के बीच हुई है। कन्हैया पर भी देशद्रोह का आरोप है। कन्हैया ने नौ फरवरी को जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस ने कहा कि वह जेएनयू और पीसीआई परिसर में आयोजित कार्यक्रमों से संबंधित 5-6 वीडियो क्लिप्स का विश्लेषण कर रही है। साथ ही अलग-अलग पुलिस दल दोनों कार्यक्रमों में मौजूद लोगों को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली और दिल्ली के बाहर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं।

                                                                                        पीसीआई में कुछ लोगों ने कथित तौर पर अफजल गुरु के सम्मान में नारेबाजी की थी, जहां गिलानी तीन अन्य वक्ताओं के साथ मंच पर मौजूद थे। पुलिस ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए गिलानी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि माना जा रहा है कि गिलानी कार्यक्रम का प्रमुख आयोजक था। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, प्रारंभिक जांच के दौरान हमें मालूम हुआ कि गिलानी के आग्रह पर प्रेस क्लब में एक हॉल बुक किया गया था।

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