गांव में गोबर न उठाने पर लगता है जुर्माना, दो साल में बना टूरिस्ट स्पॉट
अमृतसर। पंजाब का 200 साल पुराना गांव, जहां करीब डेढ़ साल पहले तक कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ था। छप्पर (जहां गंदा पानी इकट्ठा होता है) इतना गंदा था कि बीमारियां फैलती जा रही थीं, आज यह गांव देश का बेहतरीन टूरिस्ट स्पाॅट बन चुका है।
- ये है सक्कांवाली गांव, जो पंजाब के मुक्तसर जिले के पास स्थित है।
- इस गांव के छप्पर को ट्रीटेड वाॅटर के सुंदर लेक में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें बोटिंग भी होती है।
- इसका ब्यूटीफिकेशन करके आसपास पूरी तरह ग्रीनरी कर दी गई है।
- पक्की सड़कों के साथ-साथ गांव में सिक्युरिटी के लिए सीसीटीवी कैमरे तक लगाए गए हैं। दूर-दूर से टूरिस्ट गांव देखने आ रहे हैं।
- गांव की डेवलपमेंट को देखते हुए सरकार ने पंचायत को 26 जनवरी पर बेस्ट विलेज का अवाॅर्ड दिया।
भैंस का गोबर 20 मिनट में न उठाने पर जुर्माना
गांव के किसी व्यक्ति की भैंस अगर गांव की सड़क पर गोबर कर देती है और उसे 20 मिनट तक उठाया न जाए तो उस व्यक्ति को 100 रुपए जुर्माना किया जाता है। गोबर उठाने के लिए पंचायत की ओर से एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई गई है, जिसे कोई भी व्यक्ति गोबर उठाने की सूचना फोन पर दे सकता है।
भैंसों के नहाने का टाइम फिक्स
गांव के लोगों की भैंसे पहले इसी छप्पर में नहाती थीं, लेकिन यहां छप्पर की जगह लेक बनने पर उन्हें भी यहां नहाने से रोका नहीं गया है। बल्कि उनके लिए नहाने का समय फिक्स कर दिया गया है। अब गांव की भैंसों के लिए इसी लेक में नहाने के लिए सुबह और शाम को दो-दो घंटे फिक्स कर दिए गए हैं। अगर कोई व्यक्ति अपनी भैंस को इस टाइम के बाद लेक में नहलाता है, तो उसे 50 रुपए जुर्माना किया जाता है।