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विधवाओं का गांव, पति की मौत के बाद पागल हो रही हैं महिलाएं


झांसी. बुंदेलखंड में सूखा पड़ने के कारण किसान आत्‍महत्‍या कर रहे हैं। यहां शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां किसानों की विधवाएं न हों। लेकिन झांसी के बड़ागांव ब्लॉक के प्रीतमपुर गांव में आज तक किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। इसके बाद भी गांव की हर उम्र की महिलाएं विधवा हो रही हैं। 

 
- झांसी से करीब 10 किमी दूर ग्वालियर रोड पर प्रीतमपुर गांव है। 

- यहां ज्‍यादातर दलित परिवार रहते हैं।

- लेकिन 350 वोटर का गांव बीते 5 साल से अजीबो-गरीब त्रासदी से गुजर रहा है। 

- यहां हर उम्र की महिलाएं विधवा हो रही हैं। 

- गांव में इस समय 25 महिलाएं विधवा हैं।

- विधवा होने के बाद कई महिलाएं पागल हो चुकी हैं।

 

नहीं पता है क्‍या है असली वजह

- गांव की स्थिति ऐसी है, यहां 10 लोग चारपाई से उठने लायक नहीं हैं।

- ऐसा क्यों हो रहा है, यह लोगों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है।

- गांव की महिलाओं के करीब 90 बच्चे ऐसे हैं, जिनके सिर पर पिता का साया नहीं है।

- इन बच्‍चों जिनकी उम्र 3 से 10 साल के बीच है।

 

ये महिलाएं हैं विधवा

- 35 साल की मानकुंवर के पति सदाराम की 7 महीने पहले हो मौत हो गई। 

- लेकिन इतनी कम उम्र में उसे किस बीमारी ने चपेट में ले लिया, इसकी जानकारी मानकुंवर को नहीं है।

- मानकुंवर की सास अजुद्दीबाई के पति राघव की भी 3 साल पहले मौत हो चुकी है।

- 25 साल के जगदीश की करीब 3 साल पहले मौत हो गई। 

- किस बीमारी के कारण उसकी मौत हुई, इसका पता नहीं चल सका और उसकी पत्नी लक्ष्मी मानसिक रूप से बीमार हो गई। 

- 26 साल की विनीता चार बच्चों की मां है।

- कुछ महीने पहले गांव के पास ही विनीता के पति प्रमोद की बाइक दुर्घटना में मौत हो गई।
- कुछ ऐसा ही हाल शकुंतला का है। उसके 35 साल के पति छन्नू की 7 साल पहले मौत हो गई थी।

- ऐसे ही 20 साल के अविवाहित राजेश की दो महीने पहले मौत हो गई तो 35 साल के अमर सिंह की दो साल पहले मौत हो गई।

- इसके तुरंत बाद पत्नी की दीवार ऊपर गिरने से मौत हो गई।

- इसके अलावा ऊषा, इमरती, धनकु, राम कुमारी, शीला सहित एक दर्जन से ज्‍यादा महिलाएं विधवा हैं।

 

क्या कहना है लोगों का?

- गांव के पंचायत सदस्य नंदकिशोर कहते हैं कि पिछले 5 से 7 साल में गांव में अजीब विपत्ति आई है। 

- नवविवाहिताएं विधवा हो रही हैं। 

- वह कहते हैं कि इनमें से कइयों को सांस की बीमारी बताई जाती है तो कई की मौत शराब पीने से हुई है। 
- गांव के ज्‍यादातर लोग शराब पीने के आदी हैं।

 

विधवाओं को नहीं मिलती पेंशन

- संजय अहिरवार बताते हैं कि गांव में ज्‍यादातर विधवा महिलाओं को पेंशन नहीं मिलती है।

- यह एक बड़ी समस्या है। महिलाएं अपने बच्चों को गांव में छोड़ अकेली मजदूरी करने दिल्ली तक जाती हैं। 
- खास बात ये है कि यह गांव अंबेडकर गांव बनाया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी यहां बिजली-पानी की समस्या है।

- उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के केंद्रीय अध्यक्ष संजय पटवारी कहते हैं कि यह वाकई अजीब स्थिति है।

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