बेटी करें भरपेट नाश्ता , इसलिए प्लेट में सजा दी कहानियाँ
चोंगकिंग। यह खबर नहीं बल्कि कहानी है घर-घर की और वाक्या है हम सबके बचपन का। बस कहानी में थोड़ा ट्विस्ट है और वो ये है कि हम सबकी मांओं नेहमारी जिद के आगे हार मान ली और हमने नाश्ते में आलू और मीठा पराठा खाकर गुजारा कर लिया। लेकिन चीन में 7 साल की जियाजिआंग इस मामले में काफी भाग्यशाली है कि उसे हर दिन नाश्ते की प्लेट पर कहानियों के किरदार मिलने लगे हैं।
कुछ महीने पहले तक जियाजियांग को भी अपने नाश्ते से सबसे ज्यादा दुश्मनी थी। मां के लाख समझाने पर भी वो नहीं खाती थी और हर मां की तरह वांग को एक ही चिंता की बेटी को बचपन में जरुरी पौष्टिक तत्व कैसे मिले।
एक घंटे में तैयार होता है नाश्ता
वांग पिछले एक साल से हर रोज बेटी का नाश्ता बनाने और डिजाइन करने में घंटाभर लगाती हैं। सबमें एक कहानी होती है और वो नाश्ते के दौरान पूरी कहानी बेटी को सुनाती भी हैं। वांग कहती हैं कि वह इन सबसे काफी खुश हैं और बेटी के साथ नाश्ते की कंपनी का आनंद ले रही हैं। वांग ने बताया कि वह चाहती है कि जब उनकी बेटी जियाजिआंग स्कूल जाए तो आत्मविश्वास से भरपूर हो और खुश रहे। इसलिए वे इस तरह के नाश्ते बनाती हैं।
220 तरह के किरदार वाले नाश्ते
वांग ने नाश्ते का एक मजेदार तरीका सोचा और वह हर सुबह प्लेट में नाश्ते की मदद से बेटी के लिए एक कहानी सजा कर परोसने लगी। इस तरह अबतक लगभग 220 से अधिक कहानियों के किरदार नाश्ते की प्लेट में आ चुके हैं। हर दिन पौष्टिक नाश्ता और कहानी अलग, बस अब जियाजिआंग भी बिना किसी नानुकुर के चाव से खाने लगी है।
बच्ची नाश्ते के लिए उठती है जल्दी
जियाजियांग को भी मां का कहानियों वाला नाश्ता काफी पंसद है और वह अब इसके लिए सुबह जल्दी उठ जाती है। स्कूल में अब उसके दोस्त भी उसके नाश्ते को काफी पसंद करते हैं और जलते भी हैं कि उनकी मम्मी ऐसा नाश्ता क्यों नहीं बनातीं।
बच्ची के देखरेख के लिए छोड़ी नौकरी
38 वर्षीय वांग एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती थीं। पिछले साल ही उन्होंने बेटी के देखभाल के लिए नौकरी छोड़ दी। उन्हें अच्छा खाना बनाना नहीं आता था। बेटी के लिए अब ये भी सीख लिया है।