सिंहस्थ: आगर रोड़ की रोटरी छोटी करना जरूरी
डाॅ. चन्दर सोनाने
आस्था और विश्वास का महापर्व सिंहस्थ 22 अप्रैल से 21 मई तक उज्जैन में आयोजित होने जा रहा हैं। इस अवधि में देश भर से करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के उज्जैन आने की संभावना हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन शहर में व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके अंतर्गत शहर के चैराहों का सौंदर्यीकरण और चैराहों पर रोटरी का निर्माण कार्य भी किया जा रहा हैं। इसी के तहत आगर रोड़ पर बनाई जा रही रोटरी अपने आदर्श आकार से लगभग 5 गुना बड़ी हैं। इस कारण सुगम यातायात की बजाय यहां दुर्गम यातायात हो जाएगा। इसलिए इस रोटरी को छोटा करना अत्यंत आवश्यक हैं।
सिंहस्थ के आयोजन के लिए नगर निगम द्वारा शहर के चैराहों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा हैं। उज्जैन देवासगेट बस स्टैंड से आगर रोड जाने वाले मार्ग पर मंगलनाथ रोड़ के चैराहे पर नगर निगम द्वारा अत्यंत विशाल रोटरी बनाई जा रही हैं। यह हर दृष्टि से अनुचित और अनुपयुक्त हैं। ऐसा लगता हैं जैसे कागज पर ही रोटरी स्वीकृत कर दी गई हैं और जब उसे वास्तविक धरातल पर क्रियांवित किया जा रहा हैं तो वह हर किसी को अव्यवहारिक और अनुचित दिखाई दे रही हैं। किंतु नगर पालिका के आयुक्त श्री अविनाश लवानिया और उनके मातहत अधिकारियों को यह दिखाई नही दे रहा हैं। जो कोई नागरिक इस रास्ते से गुजरता हैं वह बनाई जा रही विशाल रोटरी के कारण अत्यंत संकड़े हो चुके मार्ग पर से निकलते हुए नगर निगम के अधिकारियों को कोसता हैं।
नगर निगम की महापौर श्रीमती मीना जोनवाल और नगर निगम के अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत को चाहिए कि आगर रोड़ पर बन रहे इस रोटरी के निर्माण कार्य को तत्काल रूकवांए तथा उपयुक्त आकार की रोटरी निर्माण के आदेश संबंधित अधिकारियों को देंवे। चुंकि रोटरी का निर्माण कार्य अभी प्रारंभीक स्थिति में हैं इसलिए उसे रोकना आसान हैं अन्यथा रोटरी बन जाने के बाद उसे तोडने पर निर्माण राशि का दुरूपयोग होगा, जो सर्वाधिक अनुचित कहा जाएगा।
देश की ही नही बल्कि मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में पूर्व से बनी हुई रोटरी के कारण यातायात में आ रही दिक्कतों को देखते हुए उन बड़ी और वर्तमान में अनुपयुक्त सिद्ध हो चुकी रोटरी को तोड़कर सुगम यातायात के दृष्टिकोण से छोटी रोटरी बनाई जा रही हैं। यही नही जिन शहरों में पूर्व से बनी विशाल रोटरी में भव्य मूर्तियाँ लगाई गई थी, उन मूर्तियों को भी वहां से हटाकर सु गम यातायात के लिए सीमित रोटरी और बगीचें बनाए जा रहे हैं। इसका उदाहरण उज्जैन में भी देखने को मिला हैं । नानाखेड़ा बसस्टैंड चैराहे पर बनाई गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आदमकद प्रतिमा और विशाल रोटरी एवं बगीचें को तोडकर एक साइड में मूर्ति नए सिरे से स्थापित की गई हैं। इससे नानाखेड़ा बसस्टैंड चैराहा यातायात की दृष्टि से अत्यंत सुगम हो गया हैं।
उज्जैन संभाग के कमिश्नर डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर जो दिन रात सिंहस्थ के कार्यो की नियमित रूप से समीक्षा कर तथा स्थल निरीक्षण कर आवश्यक सुधार करते आ रहे हैं, उन्हें चाहिए कि उज्जैन में आगर रोड़ पर बन रही विशाल और अनुपयुक्त रोटरी का भी स्थल निरीक्षण करें तथा उपयुक्त आकार की रोटरी बनाने के लिए संबंधित नगर निगम अधिकारियों को आवश्यक हिदायतें दें। कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत भी अब स्वतंत्र रूप से सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं, उन्हें भी चाहिए कि वे इस स्थल का मौका मुआवना करें तथा संबंधितों को आवश्यक निर्देश दें, ताकि सुगम यातायात की दृष्टि से वहां उपयुक्त रोटरी का निर्माण हो सकें।