विदेशी शहरों को टक्कर देगी भारत की स्मार्ट सिटी
चमचमाती हुई चौड़ी सड़कें, साफ-सुथरी गलियां, कायदे से बनी इमारतें, पीने का साफ पानी, ये है स्मार्ट सिटी। लेकिन एक शहर का स्मार्ट सिटी बनना इतना आसान भी नहीं है। सिर्फ साफ-सफाई के दम पर कोई सिटी स्मार्ट सिटी नहीं बनती। बल्कि स्मार्ट बनने के लिए उसे कई कसौटियों पर खरा उतरना पड़ता है।
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं। इसके लिए पहले चरण में 20 शहरों के नाम की घोषणा हो चुकी है।
स्मार्टसिटी में निम्नलिखित सुविधाएं मिलेंगी:
पर्याप्त जलापूर्ति
सुनिश्चित विद्युत आपूर्ति
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित सफाई
सक्षम शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन
गरीबों के लिए किफायती आवास बनाए जाएंगे
समक्ष आईटी कनेक्टिविटी और डिजिटलाइजेशन
सुशासन तथा ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी
सुस्थिर पर्यावरण
महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों की सुरक्षा
स्वास्थ्य और शिक्षा
स्मार्ट सिटी में मिलेंगे स्मार्ट सॉलुशन
ई-गवर्नेंस तथा नागरिक सुविधाएं
जन-सूचना तंत्र, समस्याओं का प्रभावी तथा तुरंत समाधान
इलेक्ट्रॉनिक सर्विस डिलीवरी
नागरिक भागीदारी
वीडियो क्राइम मॉनिटरिंग
अपशिष्ट प्रबंधन
कचरे से बिजली तथा ईंधन का उत्पादन
कचरे का पूर्ण निपटान
अनुपयोगी पानी को शोधित करना
जल प्रबंधन
स्मार्ट मीटर तथा प्रबंधन
लीकेज की पहचान
लीकेज से बचाव के कारगर तरीके
पानी की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग
विद्युत प्रबंधन
स्मार्ट मीटर प्रबंधन
नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग
एनर्जी एफिशिएंट तथा ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण
अर्बन मोबिलिटी
स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था
इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट
इंटीग्रेटेड मल्टी-मोड ट्रांसपोर्ट
अन्य
टेली-मेडिसीन और टेली एजुकेशन
इनक्यूबेशन/ट्रेड फैसिलेशन सेंटर
स्किल डवलपमेंट सेंटर्स
स्मार्ट सिटी कैसे बनेगी
स्मार्ट सिटी मिशन को एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में चलाया जाएगा और केंद्र सरकार आगामी पांच वर्षों में इसके लिए 48000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देगी।
यानी प्रत्येक शहर को 100 करोड़ रुपए केंद्र की ओर से मिलेंगे। इतनी ही राशि का योगदान, समान आधार पर राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
राज्यों को अपने स्वयं के स्रोतों से जैसे प्रयोक्ता शुल्क का संग्रहण, लाभार्थी प्रभार और प्रभाव शुल्क, भूमि के मुद्रीकरण, उधार और ऋण आदि से रकम का इंतजाम करना होगा।
पीपीपी के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी भी ली जा सकेगी।
स्मार्ट सिटी से संबंधित कुछ तथ्य
स्मार्ट सिटी में संचार के आधुनिक साधन होंगे। पूरे शहर को वाई-फाई इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।
निर्बाध बिजली की आपूर्ति होगी और नलों से इतना साफ पानी आएगा, जिसे बिना किसी फिल्टर के पिया जा सकेगा।
2050 तक देश के शहरों की आबादी में 400 मिलियन की बढ़ोतरी हो जाएगी और यह संख्या 814 मिलियन तक पहुंच जाएगी।
स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पिछले साल के बजट में केंद्र सरकार ने 6000 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।
स्मार्ट सिटी इस कदर आधुनिक और सुविधायुक्त होंगी, कि उनकी तुलना किसी भी यूरोपीय शहर से की जा सकेगी।
एक स्मार्ट सिटी में पब्लिक इंफोर्मेंशन, इलैक्ट्रॉनिक सर्विस, जनसुविधाएं, बेहतर वाटर ट्रीटमेंट, पार्किंग, ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट मीटर और मैंनेजमेंट की सुविधा होगी।
इन शहरों में पानी और बिजली आपूर्ति, सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन, मुकम्मल शहरी आवागमन और सार्वजनिक परिवहन, आईटी संपर्क, ई-गवर्नेंस के जरिए बुनियादी सुविधाएं और नागरिकी भागीदारी विकसित की जाएगी।