रतन टाटा ने दी सरकार को सलाह
चेन्नई। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के एमेरिटस चेयरमैन रतन टाटा ने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि अगर देश को भविष्य में और तरक्ती करनी है तो लोगों को फैसले करने की आजादी देनी होगी। सरकार उन पर निगरानी की जिम्मेदारी संभाल सकती है। टाटा एसआरएम यूनिवर्सिटी के छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिंदगी में काम आने वाली हर बात कॉलेज में नहीं सिखाई जा सकती। कई बार ये आप अपनी पेशेवर जिंदगी से पाते हैं। वो भी लंबे वक्त के दौरान। यंग लीडर्स में कई सारी क्वालिटीज की उम्मीद की जाती है। लेकिन इनमें सबसे अहम होता है कि वे क्या बदलाव लाते हैं या ला सकते हैं। एक बात जो आज तक नहीं बदली है, वह है ईमानदारी। आप जो कुछ भी सोचें या करें, उसमें बिल्कुल ईमानदार रहें। ये हर पेशे की जरूरी शर्त है। पहले भी थी, आज भी है और भविष्य में भी रहेगी। किसी भी काम में कामयाबी के लिए आपको चार बातों पर खास ध्यान देना चाहिए। टीम वर्क, टाइमिंग यानी समय की पहचान, योजना और इनोवेशन। पर इसके लिए इनट्यूशन यानी सहज ज्ञान का भी होना जरूरी है। इन सब के बावजूद आप नाकाम हो सकते हैं। पर इससे घबराएं नहीं। जिंदगी में आई हर अनसक्सेसफुल को एक लर्निग एक्सरसाइज के तौर पर लें।
उन्होंने कहा कि देश में अब भी बुनियादी हेल्थ सर्विस की बहुत कमी है। इसके अलावा विकलांगों के लिए अब भी सरकार और निजी क्षेत्र को बहुत काम करना बाकी है। सरकारी या निजी क्षेत्र के दफ्तरों में रैंप तक नहीं होते। जब मैं किसी स्टार्टअप में इन्वेस्ट करता हूं तो ये देखता हूं कि उसका आइडिया काम करेगा या नहीं। और उसमें अपने काम की कितनी ललक है। अगर आपमें ललक नहीं होगी तो आप कामयाब नहीं हो सकते। कभी नहीं। बता दें कि टाटा ग्रुप करीब 7 लाख करोड रूपए रेवन्यू वाला ग्रुप है।