राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया राष्ट्रपति ने
नई दिल्ली। देश 67वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना रहा है। राष्ट्रपति ने राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया। भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने नायाब तरीके से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मुख्य अतिथि ओलांद का स्वागत किया। दिल्ली पुलिस ने इस अवसर पर राष्ट्रपति को सलामी दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और सेना के तीनों प्रमुखों ने अमर जान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राजपथ हजारों की संख्या में लोग देश की आन बान और शान देखने के लिए इकट्ठा हुए हैं। इस अभूतपूर्व अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद मुख्य अतिथि हैं।
इस अभूतपूर्व अवसर पर देश की सैन्य शक्ति, विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियों, अत्याधुनिक रक्षा प्लेटफार्मों, विविध सांस्कृतिक एवं सामाजिक परंपराओं और सरकार के अात्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण पर जोर जैसी महत्वपूर्ण पहलों का ऐतिहासिक राजपथ पर जनता के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
गणतंत्र दिवस में फ्रांसिसी दस्ता
इस वर्ष की परेड के मुख्य आकर्षण के रूप में गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में प्रथम बार फ्रांसिसी सेना का एक 76 सदस्यीय दस्ता अपने 48 संगीतकारों के साथ राजपथ पर परेड में शामिल होगा और भारत के राष्ट्रपति को औपचारिक सलामी देगा। फ्रांस की इस सेना के दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल बरी करेंगे।
परेड में श्वान दस्ता
26 वर्ष के अंतराल के बाद रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) का एक सैन्य श्वान दस्ता अपने संचालकों के साथ परेड में भाग लेगा। निश्चित रूप से यह आकर्षण एक मुख्य पहलू होगा। गणतंत्र दिवस समारोह की 66 वर्षों की परम्परा का पालन करते हुए उप-कमांडेंट कुलदीप जे. चौधरी के नेतृत्व में 56 ऊंटों से समाहित एक रंग-बिरंगा सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता भी परेड में शामिल होगा। प्रथम बार परेड में पूर्व सैनिकों की एक झांकी भी प्रदर्शित की जाएगी, जहां सेना के वयोवृद्ध नायक राष्ट्र निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका को प्रदर्शित करते हुए सलामी मंच से होकर गुजरेंगे।
भारत की सैन्य ताकत की झलक
इस अवसर पर भारतीय सेना की मिसाइल दागने की क्षमता रखने वाले टी-90 भीष्म टैंक, पैदल सेना के युद्धक वाहन बीएमपी-II (सारथ), ब्रहमोस, मिसाइल प्रणाली का स्वचालित मोबाइल लॉचर, आकाश हथियार प्रणाली, स्मर्च लांचर वाहन और एकीकृत संचार इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली (आईसीईडब्ल्यूएस) भी प्रमुख आकर्षण होंगे।
भारतीय वायुसेना की एक झांकी के माध्यम से ‘मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान : राष्ट्र और राष्ट्र से परे की सेवा’ विषय पर राजपथ पर अपनी प्रस्तुति देगी। इस झांकी में सी-17 ग्लोब मास्टर, सी-130 हरक्यूलिस और एमआई-17 वी-5 युद्धक विमान के मॉडलों के साथ-साथ उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, यमन और नेपाल में बचाव और राहत अभियानों में भारतीय वायुसेना की भूमिका को प्रदर्शित किया जाएगा।
परेड में नौसेना की झांकी
इस वर्ष भारतीय नौसेना की झांकी को ‘समुंद्री सुरक्षा और स्वदेसीकरण के माध्यम से भारत का सशक्तिकरण’ विषय के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। इस झांकी में कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन नवीन युद्धक विमान वाहक (विक्रांत) पर उड़ान अभियानों और मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई द्वारा स्वदेश में निर्मित पनडुब्बी ‘कलवारी’ को ‘मेड इन इंडिया’ के टैग के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। परेड समारोह का शुभारंभ इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति से होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए देश का नेतृत्व करेंगे। अमर जवान ज्योति पर प्रज्ज्वलित एक अनंत लौ अपनी मातृ भूमि की सेवा में सशस्त्र सेनाओं के सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान के अदम्य साहस को प्रदर्शित करती है। अमर जवान ज्योति पर एक अमर जवान, भूमि की ओर मुख किये एक राइफल और एक जवान का हैलमेट एक प्रतीक स्वरूप में प्रदर्शित है।
राष्ट्रीय ध्वज को सलामी
परंपरा के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा। उसके पश्चात परेड का शुभारंभ होगा और राष्ट्रपति को सलामी दी जाएगी। इस वर्ष परेड में मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुवा ओलांद होंगे। परेड की कमान दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल राजन रविंद्रन के द्वारा संभाली जाएंगी। दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल राजेश सहाय परेड में सेकेंड-इन-कमांड होंगे।
शूरवीरों का प्रदर्शन
परमवीर चक्र विजेताओं में सूबेदार, मेजर और मानद कैप्टन बाना सिंह (सेवा निवृत्त), सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स और नायव/सूबेदार संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल साइरस ए पिथावल्ला (सेवानिवृत्त), सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) सुंदर सिंह (सेवा निवृत्त), भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के प्रशिक्षक मेजर डी श्रीराम कुमार, लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवा निवृत्त), मानद नायब सूबेदार छिरिंग मुटुप (सेवा निवृत्त), मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले से हुकूम सिंह और गोविंद सिंह, मध्यप्रदेश के ही गुना जिले के भूरेलाल जीपों पर उप परेड कमांडर का अनुसरण करेंगे।
सेना के मार्चिंग दस्तों में 61वीं कैवेलरी का घुड़सवार दस्ता, पैराशूट रेजीमेंट, द कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स, द राजपूत रेजीमेंट, द गढ़वाल राइफल्स, द असम राइफल्स, 11 गोरखा राइफल्स और रिमाउंट वेटनरी श्वान दल शामिल होंगे।
नौसेना के 144 युवा नौसैनिकों से युक्त मार्चिंग दस्तों का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर अनिल रैना करेंगे, जबकि भारतीय वायुसेना में 144 सैनिकों से युक्त दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट आशीष मान करेंगे। अर्धसैन्य बलों और अन्य सहायक नागरिक बलों में सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, भारतीय तट गार्ड, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का महिला दस्ता, रेलवे सुरक्षा बल, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा स्कीम शामिल होंगे।
राजपथ पर दिखेगी पूरे भारत की झलक
17 राज्यों और 6 केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों की झांकियों में देश की विभिन्न ऐतिहासिक, स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। गोवा, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम की झांकियों में विविध विषयों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में देश की प्रगति को दर्शाया जाएगा। इसी प्रकार से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ‘डिजिटल इंडिया’, पंचायत राज मंत्रालय ‘सशक्त महिला और सशक्त पंचायती राज समाज’, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर अपनी-अपनी झांकियों में सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के कुछ कार्यक्रमों में हो रहे त्वरित विकास को दिखाएंगे।
परेड में बहादुर बच्चे
राष्ट्रीय़ वीरता पुरस्कार-2015 के लिए चयनित 25 बच्चों में से 23 भी परेड़ में भाग लेंगे, इनमें से 2 बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। बच्चों के अनुभाग में दिल्ली के 5 विद्यालयों से आये 500 छात्र और छात्राएं एवं दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के विद्यालय समूह के बच्चे रंग-बिरंगी पोशाकों में राजपथ पर अपना सुंदर नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इस परेड का एक मुख्य आकर्षण कोर्प्स ऑफ सिग्नल का मोटर साइकिल सवार समूह डेयर डेविल्स भी होगा। वे राष्ट्रपति को सलाम, सिगनल रॉकेट, सिगनल फाईटर, अभिमन्यु, श्रद्धांजलि, कमांडो, लोटस फोरमेशन और मानव श्रृंखला जैसी हैरत अंगेज करतब चलती हुई मोटर साईकिलों पर करेंगे।