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ताजमहल को भारी पड़ रहा लोगो का प्यार-नीरी


आगरा। ताजमहल पर उमड़ने वाले उसके बेहिसाब दीवानों का प्यार अब भारी पड़ने लगा है। सफेद संगमरमर की इमारत को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) ने एक अध्ययन के बाद सिफारिश की है कि निश्चित संख्या में ही दर्शकों को प्रवेश दिया जाना चाहिए।

यहां हर घंटे केवल छह हजार सैलानियों को ही प्रवेश दिया जाए। नौ हजार से ज्यादा दर्शक तो किसी भी हाल में अंदर नहीं होने चाहिए। नीरी ने इसे भी खतरनाक स्थिति करार दिया है। कुछ साल पहले यमुना में जल संकट और घिसती सीढ़ियों को देखते हुए ताज की मजबूती पर सवाल उठे थे।

इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताज की भारण क्षमता तय करने के लिए नीरी से अध्ययन कराया। एक साल से भी अधिक समय तक हुए अध्ययन की रिपोर्ट अब नीरी ने एएसआई के दिल्ली मुख्यालय को उपलब्ध करा दी है। इसका प्रजेंटेशन भी हो चुका है।

टिकट के बार कोड को स्कैन किया जाए

नीरी ने सुझाव दिया है कि स्मारक के गेटों पर टिकट के बार कोड को स्कैन किया जाए। पर्यटकों के आने और जाने पर बार कोड स्कैन हो। यह पता लगाने का सिस्टम बनाया जाए कि ताज के अंदर कितने पर्यटक मौजूद हैं? ताज में मौजूद पर्यटकों की संख्या डिस्प्ले बोर्ड पर नजर आती रहे।

मांगा 2015 का आंकड़ा

नीरी ने एएसआई से 2015 में ताज देखने आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा मांगा है। उसने जो रिपोर्ट सौंपी है, वह वर्ष 2014 के आंकड़ों पर आधारित है। 2015 के आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसमें संशोधन हो सकता है।

सीढ़ियों की हालत खराब

ताज के लिए उसके चाहने वालों की दीवानगी ही खतरनाक साबित हो रही है। सदियों से कदमों तले घिस रहे संगमरमरी मकबरे की सीढ़ियों पर लकड़ियों का कवर तक चढ़ चुका है। वहीं, सैलानियों के स्पर्श से धवल ताज को पहुंच रहे नुकसान से बचाने को भी रेलिंग लगाने की तैयारी है।

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