मुफ्ती मोहम्मद सईद नहीं रहे, महबूबा बन सकती हैं मुख्यमंत्री
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया। 79 साल के मुफ्ती यहां एम्स में एडमिट थे। गुरुवार सुबह करीब आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। अब 18 जनवरी से पहले उनकी बेटी मेहबूबा मुफ्ती राज्य की पहली महिला सीएम बन सकती हैं।
पिछले महीने से बीमार थे सईद...
- पीडीपी के पेट्रन मुफ्ती को सीने में दर्द के कारण 22 दिसंबर को एम्स में एडमिट कराया गया था।
- उन्हें आईसीयू में रखा गया था। मुफ्ती का प्लेटलेट्स काउंट कम हो गया था।
- हालत बिगड़ने के बाद वे वेंटिलेटर पर थे।
- जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर मुफ्ती के निधन पर अफसोस जताया।
बीमारी से पहले सईद ने खुद कहा था- मेहबूबा बनें सीएम...
- जब से सईद बीमार थे और दिल्ली में भर्ती थे, तभी से मेहबूबा को अगला सीएम बनाने की चर्चा थी।
- इससे पहले 13 नवंबर को खुद मुफ्ती ने कहा था कि मेहबूबा सीएम बन सकती हैं और वे रिटायर हो सकते हैं।
- उन्होंने कहा था- मैं दफ्तर में रहता हूं। मेहबूबा लोगों के बीच रहती हैं। बेहतर होगा, वे सीएम बन जाएं।
- मेहबूबा विधायक रही हैं। 1999 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन उमर अबदुल्ला से चुनाव हार गईं।
- 2002 में वे पहलगाम से चुनाव जीतीं। 2004 में महबूबा मुफ्ती कांग्रेस गठबंधन सरकार का हिस्सा बनीं और लोकसभा चुनाव में भी जीत गईं।
- वे अभी J&K की अनंतनाग सीट से सांसद हैं।
सीएम बनते ही दिया था विवादास्पद बयान..
- सईद बीजेपी-पीडीपी का अलायंस होने के बाद पिछले साल मार्च में सीएम बने थे।
- सीएम बनते ही पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में सईद ने विवादास्पद बयान दिया।
- उन्होंने कहा था कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया।
- सईद ने राज्य में अच्छे माहौल में इलेक्शन होने का क्रेडिट सिक्युरिटी फोर्सेज को नहीं दिया था।
कांग्रेस से शुरू किया था कॅरियर
- कश्मीर घाटी के बिजबेहरा में 12 जनवरी 1936 को जन्मे मुफ्ती 1987 तक कांग्रेस मेंबर रहे।
- 1987 में वे कांग्रेस छोड़कर वीपी सिंह की अगुआई वाले जन मोर्चा में शामिल हो गए।
- 1989 में वे देश के पहले मुस्लिम होम मिनिस्टर बने।
- बाद में मुफ्ती पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस में शामिल हो गए।
- फिर कांग्रेस छोड़कर 1999 में पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) बनाई।
- 2008 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 18 सीटें मिलीं।
- उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई और 2002 से 2005 तक सीएम बने।
- 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी को 29 सीटें मिलीं।
- कुछ महीनों के बाद उन्होंने बीजेपी के सपोर्ट से सरकार बनाई और फिर सीएम बने।
बेटी की हुई थी किडनैपिंग
- मुफ्ती जब 1989 में होम मिनिस्टर बने थे तो कुछ दिन बाद ही आतंकवादियों ने उनकी तीसरी बेटी डॉ. रुबिया सईद को किडनैप कर लिया था।
- रुबिया एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं। कॉलेज से लौटते वक्त उन्हें आतंकी ले गए थे।
- उस वक्त जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे फारूख अब्दुल्ला को लंदन दौरा बीच में छोड़कर लौटना पड़ा था।
- रूबिया को छोड़ने के बदले आतंकियों ने जेल में बंद अपने पांच साथियों को रिहा करने की मांग की।
- इसे बाद में मान लिया गया और पांचों आतंकियों को छोड़ना पड़ा।
- इस कदम का काफी विरोध हुआ।
किस वजह से छोड़ी थी कांग्रेस...
- 1972 से 1975 के बीच मुफ्ती विधान परिषद में कांग्रेस के नेता थे। 1977 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट भी बने।
- उन्होंने खुद अपनी किताब में लिखा था कि उन्हें नजरअंदाज कर इंदिरा गांधी ने शेख अब्दुल्ला से समझौता कर लिया था।
- इसके बाद मुफ्ती 1977 में वे अपनी होम सीट बिजबेहरा से हार गए। 1983 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।