इस्लाम कबूलने वाले IAS अपने मुस्लिम गुरु को लेकर पहले भी थे विवादों में
जयपुर। हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूलने वाले राजस्थान के आईएएस उमराव सालोदिया पहले भी विवादों में आते रहे हैं। क्लासिकल सिंगर सालोदिया अपने गुरु मोइनुद्दीन खान का प्रोग्राम कराने के लिए कई कलेक्टरों पर दबाव बनाते रहे हैं ।
सारंगी वादक मोइनुद्दीन को पद्मश्री दिलवाने में भी कैसे जुटे रहे सालोदिया
उमराव सालोदिया प्रशासनिक अफसर होने के साथ-साथ क्लासिकल सिंगर भी हैं। उनके गुरु जयपुर के ही सारंगीवादक पद्मश्री मोइनुद्दीन खान हैं। सालों से मोइनुद्दीन खान के साथ रहकर उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली है। असल में क्लासिकल म्यूजिक के क्षेत्र में सालों पहले मोइनुद्दीन खान का ज्यादा नाम नहीं था। बताया जा रहा है कि सालोदिया ने ही उन्हें पद्मश्री जैसे अवॉर्ड तक पहुंचाने में अहम रोल अदा किया।
बार-बार कार्यक्रमों का विवाद
असल में उमराव सालोदिया शुरुआती दौर से ही अपने मातहत अफसरों पर दबाव बनाते रहे हैं। इस बात का कि वे मोइनुद्दीन खान के सारंगीवादन के कार्यक्रमों को अपने जिलों में आयोजित करें। वर्ष 2002 में अलवर में भी इसी तरह का एक आयोजन उमराव सालोदिया के दबाव में कराया गया। इसके बाद ही अलवर उत्सव के दौरान भी सालोदिया ने अपना शास्त्रीय गायन का कार्यक्रम कराया। इसके अलावा सालोदिया ने जयपुर, जैसलमेर, अजमेर सहित तमाम शहरों में ऐसे आयोजन किए, जिनमें वे कलेक्टरों पर दबाव बनाते रहे कि वे उनका और उनके गुरु मोइनुद्दीन खान का कार्यक्रम आयोजित करें। मोइनुद्दीन खान के साथ कार्यक्रमों की इतनी बड़ी श्रृंखला कर डाली कि तमाम अफसर और कर्मचारी उनकी इन हरकतों से परेशान हो चुके थे।