राजस्थान का ऐसा गांव जहां आजादी के बाद हुई सिर्फ चार एफआईआर
जयपुर। राजस्थान में एक ऐसा गांव है जहां 2008 के बाद से एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यदि आजादी से अब तक की बात करें तो यहां से महज चार एफआईआर ही दर्ज हुई हैं वो भी छोटे-मोटे अपराध की। इस गांव की चर्चा पुलिस महकमे में जोरों पर है।
इस गांव के अपराधों की फेहरिस्त क्यों थाने तक नहीं पहुंचती ….
गांव में मेजर क्राइम नहीं होते हैं। इसके पीछे गांव के बड़े-बुजुर्गों का संस्कार और उनकी प्रेरणा का असर है। गांव के नाथू काका ने बताया कि जब भी दो लोगों या दो परिवारों के बीच विवाद होता है तो पूरा गांव चौराहे पर जमा हो जाता है। विवाद का निपटारा गांव के बड़े-बुजुर्गों की मौजूदगी में पंचों की सहमति से हो जाता है। ऐसे में मामला थाने तक नहीं पहुंच पाता है।
विवादों को आपस में निपटाने का लिया है संकल्प
गांव के धूलजी पाटीदार ने बताया कि चौराहे पर सभी लोगों के सामने होने वाले निपटारे में दोनों पक्ष संतुष्ट हो जाते हैं। गांव के सभी लोगों ने संकल्प लिया है कि वे किसी भी मामले को थाने में लेकर नहीं जाएंगे बल्कि आपस में ही उसका निपटारा कर लेंगे।