बेटा फौजी, पिता पाकिस्तान में ISI को पहुंचा रहा था हथियारों की जानकारी
जोधपुर. बेटा फौजी, जब उसे पिता की हरकतों का पता चला तो मना भी किया। लेकिन पिता रुपयों के लालच में पाकिस्तान मेंआईएसआई के लिए जासूसी करता रहा। और वो डीआरडीओ के मिसाइल परीक्षण की सभी सूचनाएं पाकिस्तान भेजता रहा।
जैसलमेर के पास गुड्डी गांव निवासी गोरधन इस समय खेतोलाई गांव में पटवारी है और इससे पहले सैनिक रह चुका है। राजस्थान एटीएस, यूपी पुलिस, बीआई और जैसलमेर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में उसे हिरासत में लिया।
> रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीओ) मिसाइल प्रोजेक्ट को और कितना बढ़ा रहा है, उस संबंध में आने वाले सभी सरकारी लैटर इस तक पहुंचते थे।
> उन लैटर को वह पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के अफसरों को पढ़ कर सुनाता था।
एटीएस ने बताया कि गोरधनसिंह पूर्व सैनिक रह चुका है इसलिए वह सेना की हर यूनिट को पहचानता है। रिटायर होने के बाद खेतोलाई में पटवारी लगा तो वहां सेना की फायरिंग रेंज का इलाका उसके कार्य क्षेत्र में आता था। डीआरडीओ यहीं पर मिसाइल परीक्षण करती है।
डीआरडीओ पिछले दो सालों से इस प्रोजेक्ट को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त जमीन की डिमांड राज्य सरकार से कर रही है। इस संबंध में डीआरडीओ व सरकार के लैटर जैसलमेर प्रशासन के पास आते रहते हैं और पटवारी हाेने के नाते वे लैटर गोरधनसिंह को मिलते थे ताकि वह जमीन का सर्वे और सीमांकन आदि कर सके।
ऐसे में उसे मिसाइल परीक्षण प्रोजेक्ट विस्तार की पूरी जानकारी होती थी। यही सूचनाएं वह पाकिस्तान में बैठे आईएसआई अफसर जो मोबाइल फोन पर खुद को मेजर बताता था, उसे पढ़ कर सुनाता था।
फौजी बेटा जानता था पिता की करतूत, मना भी किया : रिटायर्ड फौजी व पटवारी का एक बेटा भी फौज में है। उसे एक बार घर की बातों में पता चला कि पिता पाकिस्तान में किसी से बात करते हैं। तब उसने पिता से कहा कि यह गलत काम है, उन्हें बात बंद कर देनी चाहिए। मगर पिता ने बातें करना ही नहीं, सूचनाएं भेजना भी बंद नहीं किया।
फौजी बेटे को जानकारी होने की सूचना सैन्य अफसरों को दी गई है, सेना उससे भी पूछताछ करेगी।
जोधपुर में रेवेन्यू इंस्पेक्टर सहित चार से पूछताछ
यूपी और राजस्थान एटीएस ने गोरधनसिंह की कॉल डिटेल के आधार पर पोकरण में ही एक रेवेन्यू इंस्पेक्टर से पूछताछ की। इसके अलावा उसके संपर्क में जोधपुर के भी 4 लोग थे। टीम ने इनसे भी पूछताछ की। एटीएस के मुताबिक उनका सिर्फ संपर्क सामने आया है, जासूसी की गतिविधि में लिप्तता नहीं, इसलिए उन्हें छोड़ा है। एटीएस के मुताबिक उनका सिर्फ संपर्क सामने आया है, जासूसी की गतिविधि में लिप्तता नहीं, इसलिए उन्हें छोड़ दिया।