जुडवां बच्चों के गांव के नाम से मशहूर है यह गांव
हालांकि किसी गांव में जुड़वा बच्चे पैदा होना कोई आश्चर्य वाली बात नहीं, लेकिन पूरे के पूरे गांव में रहने वाले सभी लोगों के जुड़वा ही बच्चे पैदा होते हों तो सोचने वाली बात हो जाती है। केरल के मलप्पुरम शहर के नजदीक स्थित गांव कोडिन्ही में इन दिनों दुनिया भर के मीडिया और मेडिकल शोधार्थियों का जमावड़ा लगा हुआ है। इसकी वजह इस गांव में जुड़वां बच्चों का पैदा होना है। गांव के ज्यादातर दंपतियों को यहां जुड़वां बच्चे ही पैदा होते हैं। कोडिन्ही गांव में एक हजार जुड़वां बच्चे हैं। लेकिन, इन बच्चों को अपने जुड़वां होने के चलते मुसीबत झेलनी पड़ रही है। यहां इंटरनेशनल मीडिया का जमावड़ा लगा रहता है और हर कोई उनकी बाइट लेने के लिए परेशान रहता है।
गांव वाले भी परेशान
इसे यहां के जुड़वां बच्चे और उनके परिजन अपनी निजता में खलल मान रहे हैं। बच्चों के परिजनों ने स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों की विडियोग्रैफी और इंटरव्यू किए जाने पर विरोध जताया है। गांव के लोगों ने स्थानीय प्रशासन ने इस तरह से इंटरव्यू लेने पर बैन लगाने की मांग की है। गांव के लोगों ने बच्चों की प्रिवेसी का हवाला देते हुए ऐसे सभी इंटरव्यू और विडियोग्रैफी पर बैन लगाने की मांग की है।
यहां की नान्नामबारा ग्राम पंचायत परिषद ने बैठक करके कहा कि ग्रामीणों की ओर से की गई शिकायतें गंभीर प्रकृति की हैं। ग्राम परिषद का कहना है कि वह ग्रामीणों का इस तरह से शोषण किए जाने को रोकने के लिए गठित करने वाली है। इस समिति में निर्वाचित प्रतिनिधियों, मशहूर हस्तियों और जुड़वां बच्चों को शामिल किया जाएगा। इस समिति के गठन के लिए 15 जनवरी को जुड़वां बच्चों के अभिभावकों की मीटिंग बुलाई जाएगी।
डॉक्यूमेंट्री बना रहे लोग
करीब सप्ताह भर पहले एक ग्रुप की ओर से यहां डॉक्युमेंट्री शूट किए जाने के दौरान ग्रामीणों की ओर से रोके जाने पर नया विवाद खड़ा हो गया था। पंचायत के अध्यक्ष मुहम्मद हसन का कहना है कि कोई भी किसी व्यक्ति के प्राइवेसी के अधिकार को खारिज नहीं कर सकता है। उनका कहना है किसी भी बच्चे के परिजनों की मंजूरी के बिना किसी भी तरह की फीचर फिल्म बनाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। इसके लिए हमने समिति के गठन का फैसला लिया है। जो किसी भी तरह की शूटिंग के लिए संबंधित व्यक्तियों की मंजूरी के बाद ही अनुमति देगी।