एक ऐसा शहर जहां नही निकलता हैं 40 दिन तक सूरज
मास्को। ये है रूस का पश्चिमोत्तर शहर मूरमान्सक। यहां के लोगों ने 2 दिसंबर से अबतक सुबह नहीं देखी है। कोला बे पर बसा मूरमान्सक शहर पिछले 15 दिनों से अंधेरे में डूबा है।
इसके पीछे वजह है यहां छह हफ्तों तक रहने वाली पोलर नाइट। जब रात की अवधि 24 घंटे से ज्यादा की हो जाती है तब उसे पोलर नाइट कहते हैं। यह आमतौर पर पोलर सर्कल में ही होता है।
अंधेरे में डूबे 40 दिन करीब तीन लाख की आबादी वाला ये शहर दरअसल उन 30 शहरों में से एक हैं, जो आर्कटिक सर्कल पर मौजूद है। इसके चलते इस वक्त यहां पोलर नाइट जारी है। इस दौरान 2 दिसंबर से 10 जनवरी तक यहां लोगों को सूरज के दर्शन नहीं होंगे।
आर्कटिक सर्कल पर मौजूद होने की वजह से यहां साल के कुछ दिनों में सूरज रात दिन नजर आता है। वहीं, कुछ दिनों में कभी सूरज दिखता ही नहीं है। कम अवधि के लिए खुलते हैं स्कूल 40 दिन अंधेरे के चलते शहर भी अपनेआप को स्थिति के अनुसार ढाल लेता है।
स्कूल कम अवधि के लिए खुलते हैं। स्कूलों में बच्चों को ज्यादा मात्रा में विटामिन दिया जाता है जिससे उन्हें धूप के अभाव से दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
इसके पीछे वजह है यहां छह हफ्तों तक रहने वाली पोलर नाइट। जब रात की अवधि 24 घंटे से ज्यादा की हो जाती है तब उसे पोलर नाइट कहते हैं। यह आमतौर पर पोलर सर्कल में ही होता है।
अंधेरे में डूबे 40 दिन करीब तीन लाख की आबादी वाला ये शहर दरअसल उन 30 शहरों में से एक हैं, जो आर्कटिक सर्कल पर मौजूद है। इसके चलते इस वक्त यहां पोलर नाइट जारी है। इस दौरान 2 दिसंबर से 10 जनवरी तक यहां लोगों को सूरज के दर्शन नहीं होंगे।
आर्कटिक सर्कल पर मौजूद होने की वजह से यहां साल के कुछ दिनों में सूरज रात दिन नजर आता है। वहीं, कुछ दिनों में कभी सूरज दिखता ही नहीं है। कम अवधि के लिए खुलते हैं स्कूल 40 दिन अंधेरे के चलते शहर भी अपनेआप को स्थिति के अनुसार ढाल लेता है।
स्कूल कम अवधि के लिए खुलते हैं। स्कूलों में बच्चों को ज्यादा मात्रा में विटामिन दिया जाता है जिससे उन्हें धूप के अभाव से दिक्कतों का सामना न करना पड़े।