एक गांव जहां 35 सालों से एक भी विवाद नही पहुंचा थाने
गुर्रा थाना व केसला ब्लॉक का सोमलवाड़ा खुर्द गांव। आबादी करीब 1400। यहां करीब 35 वर्षों से कोई बड़ा विवाद सामने नहीं आया। अगर छुटपुट घटनाएं कुछ हो भी जाए तो ग्रामीण मंदिर पर बैठकर मसले को आपस में सुलझा लेते है। सिर्फ गांव में कुछ चोरियों को छोड़ दिया जाए तो गांव पूरी तरह अपराधमुक्त है। संभवत: यह जिले का पहला गांव होगा। जिसके एक भी केस कोर्ट में नहीं है। यह बदलाव यहां 1980 में हुए रास्ते के विवाद के बाद आया। तत्कालीन सरपंच ने गांव में शांति बनाने व लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीणों को एकता का संकल्प दिलाया। जिसके बाद से यहां अब तक कोई विवाद थाने तक नहीं पहुंचा।
तत्कालीन सरपंच स्व. नरोत्तम प्रसाद मेहतो
सीख लेना चाहिए
गांव में ऐसा है तो यह बहुत ही अच्छा है। जरूर यहां पर संपन्न और शिक्षित लोग होंगे। जो जरूरत पड़ने पर निम्न वर्ग वालों की सहायता करते होंगे। लोगों को इनसे सीख लेना चाहिए। यह बात कॉलेज द्वारा कराए गए सर्वे में भी सामने आई है।
डॉ. तैय्यबा खातून समाजशास्त्र प्रोफेसर, होमसाइंस कॉलेज होशंगाबाद
एसपी बोले: गांव का सम्मान करेंगे
अपराधमुक्त गांव की जानकारी एकत्रित करते समय इसकी जानकारी सामने आई है। सोमलवाड़ा खुर्द पंचायत की यह अनूठी व सरहानीय पहल है। कई वर्षों से यहां कोई विवाद सामने नहीं आया। यहां सभी छोटे-बड़ों का सम्मान करते हैं। जिले का यह पहला अपराधमुक्त गांव है। गांव में हुए इस बदलाव पर विभाग की ओर से 26 जनवरी को ग्राम पंचायत का सम्मान किया जाएगा। आशुतोष प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद
दोनों पक्ष को दिलाते है एकता का संकल्प
पूर्व जनपद सदस्य आनंद चिमानिया ने बताया गांव अपराधमुक्त है। गांव में कभी विवाद नहीं होते। कोई विवाद हो भी गया तो ग्रामीण मिलकर दोनों पक्ष को हनुमान मंदिर के पास बुलवाते है। बैठक होती है और उन्हें मिलकर रहने का संकल्प दिलाया जाता है। जिसके बाद विवाद शांत हो जाता है। 35 वर्षों में कुछ चोरियां सामने जरूर हुई पर यहभी बाहरी तत्वों ने की।
1980 के विवाद के बाद गांव के तत्कालीन सरपंच स्व. नरोत्तम प्रसाद मेहतो ने गांव में शांति बनाने की पहल की। ग्रामीणों की बैठक बुलवाई, समझाइश दी और संकल्प दिलाया कि आज के बाद गांव में होने वाले विवाद को थाने तक नहीं जाने दिया जाएगा। यह प्रयास मेहतो ने निरंतर 10 वर्षों तक जारी रखा। जिसकी वजह से आज गांव अपराधमुक्त बन गया।
सरपंच की पहल रंग लाई
मर्डर, दुष्कर्म या जानलेवा हमला आज तक नहीं हुआ
सोमलवाड़ा खुर्द में आज तक मर्डर, दुष्कर्म या जानलेवा हमला जैसी घटनाएं कभी सामने नहीं आई। बड़े बुजुर्गों का भी कहना है गांव में हमारी पीढ़ी में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। ग्रामीण दीपक चौधरी ने बताया वे 34 साल के है। उन्होंने गांव में शांति ही देखी है। कभी लड़ाई-झगड़े जैसे मामले सामने नहीं आए। उन्होंने बताया गांव में जागरुकता और बच्चों को दिए जाने वाले संस्कार की वजह से यह सब संभव हो सका है।
तत्कालीन सरपंच स्व. नरोत्तम प्रसाद मेहतो
सीख लेना चाहिए
गांव में ऐसा है तो यह बहुत ही अच्छा है। जरूर यहां पर संपन्न और शिक्षित लोग होंगे। जो जरूरत पड़ने पर निम्न वर्ग वालों की सहायता करते होंगे। लोगों को इनसे सीख लेना चाहिए। यह बात कॉलेज द्वारा कराए गए सर्वे में भी सामने आई है।
डॉ. तैय्यबा खातून समाजशास्त्र प्रोफेसर, होमसाइंस कॉलेज होशंगाबाद
एसपी बोले: गांव का सम्मान करेंगे
अपराधमुक्त गांव की जानकारी एकत्रित करते समय इसकी जानकारी सामने आई है। सोमलवाड़ा खुर्द पंचायत की यह अनूठी व सरहानीय पहल है। कई वर्षों से यहां कोई विवाद सामने नहीं आया। यहां सभी छोटे-बड़ों का सम्मान करते हैं। जिले का यह पहला अपराधमुक्त गांव है। गांव में हुए इस बदलाव पर विभाग की ओर से 26 जनवरी को ग्राम पंचायत का सम्मान किया जाएगा। आशुतोष प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद
दोनों पक्ष को दिलाते है एकता का संकल्प
पूर्व जनपद सदस्य आनंद चिमानिया ने बताया गांव अपराधमुक्त है। गांव में कभी विवाद नहीं होते। कोई विवाद हो भी गया तो ग्रामीण मिलकर दोनों पक्ष को हनुमान मंदिर के पास बुलवाते है। बैठक होती है और उन्हें मिलकर रहने का संकल्प दिलाया जाता है। जिसके बाद विवाद शांत हो जाता है। 35 वर्षों में कुछ चोरियां सामने जरूर हुई पर यहभी बाहरी तत्वों ने की।
1980 के विवाद के बाद गांव के तत्कालीन सरपंच स्व. नरोत्तम प्रसाद मेहतो ने गांव में शांति बनाने की पहल की। ग्रामीणों की बैठक बुलवाई, समझाइश दी और संकल्प दिलाया कि आज के बाद गांव में होने वाले विवाद को थाने तक नहीं जाने दिया जाएगा। यह प्रयास मेहतो ने निरंतर 10 वर्षों तक जारी रखा। जिसकी वजह से आज गांव अपराधमुक्त बन गया।
सरपंच की पहल रंग लाई
मर्डर, दुष्कर्म या जानलेवा हमला आज तक नहीं हुआ
सोमलवाड़ा खुर्द में आज तक मर्डर, दुष्कर्म या जानलेवा हमला जैसी घटनाएं कभी सामने नहीं आई। बड़े बुजुर्गों का भी कहना है गांव में हमारी पीढ़ी में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। ग्रामीण दीपक चौधरी ने बताया वे 34 साल के है। उन्होंने गांव में शांति ही देखी है। कभी लड़ाई-झगड़े जैसे मामले सामने नहीं आए। उन्होंने बताया गांव में जागरुकता और बच्चों को दिए जाने वाले संस्कार की वजह से यह सब संभव हो सका है।