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85 साल का वैवाहिक जीवन, लेकिन साथ निकली इनकी अर्थी


उज्जैन :  जिले के महिदपुर रोड से 9 किमी दूर ग्राम पिपलियातुखार में जब पति-पत्नी की दो अर्थियां एकसाथ उठीं तो एक ही चर्चा थी- ये है सच्ची मोहब्बत और सच्चा जीवन संग है। यह संयोग ही है कि 85 बरस के वैवाहिक जीवन को साथ निभाने वाले पति-पत्नी ने महज चार घंटे के अंतराल से एकसाथ दम तोड़ा और दोनों की अंतिम यात्राएं भी एकसाथ ही निकली। घटना ग्राम पिपलियातुखार की है। यहां 110 साल के भैराजी गायरी की गुरुवार शाम 5 बजे मृत्यु हो गई। रिश्तेदार और पास-पड़ोसी जुटने लगे लेकिन अंधेरा होने के कारण अंतिम यात्रा अगले दिन के लिए तय की गई। भैराजी की मृत्यु को बमुश्किल चार घंटे हुए थे कि 100 साल की पत्नी नगीबाई ने भी अंतिम सांस ले ली। पूरा गांव मानों स्तब्ध रह गया। दु:ख था, बिछोह था और परिजनों की हालत तो खराब ही थी। चार घंटे के भीतर परिवार के दो बुजुर्ग वह भी माता-पिता चल बसे। सिर से मानों बरगद का साया चंद लम्हों में उजड़ गया। लेकिन इससे बड़ी खबर दोनों के अटूट प्रेम की थी। शुक्रवार को सम्मान बुजुर्ग दंपती का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में लोग उमड़ पड़े। सभी को अंतिम दर्शन की आस थी और मन में यही दुआ की, साथ हो तो ऐसा हो। 


सादा जीवन और भरा पूरा परिवार 

भैराजी 1905 में जन्मे थे। कहां, परिजनों को नहीं पता। गांव का सादा जीवन जीया और साफगोई के साथ समाज में रहे। नतीजा लंबी उम्र मिली। नगीबाई के साथ शादी 1930 में हुई थी। नगीबाई ने भी पति की जीवन शैली अपनाई और लंबी उम्र पाई। 6 संतानें हुईं। 2 लड़के और 4 लड़कियां। सबसे बड़ी लड़की 80 साल की है। 

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