दिल्ली गैंगरेप: नाबालिग दोषी की रिहाई पर हाईकोर्ट ने नहीं लगाई रोक
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोषी
नाबालिग की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस फैसले के बाद निर्भया की मां कोर्ट
में रो पड़ीं। उन्होंने कहा, ‘इंसाफ की उम्मीद थी, वह मिला नहीं।’ अब इस दोषी को तीन
साल की सजा पूरी होने के चलते 20 दिसंबर से या उससे पहले रिहा किया जाएगा।
फैसले
के बाद निर्भया के माता-पिता ने क्या कहा?
- हमारी लाख
कोशिशों के बावजूद इतना बड़ा क्राइम करने वाले मुजरिम को कोर्ट और सरकार ने छोड़ दिया।
मुझे समझ नहीं आया कि उसे कहां-क्या रखेंगे?
- हमें उम्मीद
थी कि दोषी की रिहाई का फैसला नहीं आएगा। लेकिन हमें इस बारे में अब कुछ नहीं कहना।
- हमें तकलीफ तो है, लेकिन हम हाईकोर्ट से बड़े नहीं हैं। कोर्ट ने जो भी सोचा होगा,
हमारे लिए वही ठीक है।
- दो-दो साल
की बच्चियों के साथ जुवेनाइल ऐसी हरकतें कर रहे हैं। हमारी लड़ाई इसी के खिलाफ है।
हाईकोर्ट
में क्यों था यह मामला?
- गैंगरेप
के वक्त यह दोषी नाबालिग था। इसलिए तीन साल तक उसे जुवेनाइल करेक्शन होम में रखने की
सजा सुनाई गई थी। यह 20 दिसंबर को पूरी हो रही है।
- आईबी की
एक रिपोर्ट में कहा गया था कि निर्भया केस का यह दोषी ‘रेडिकलाइज’ यानी कट्टर हो चुका
है। इसलिए उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए।
- इसी रिपोर्ट
को आधार बनाते हुए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अर्जी कोर्ट में लगाई थी। इसमें
दोषी पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
- दिल्ली
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रोक लगाने से इनकार किया।
दिल्ली
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
- चीफ जस्टिस
जी. रोहिणी और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की बेंच ने कहा- दोषी की तीन साल की सजा 20
दिसंबर को पूरी हो रही है।
- इसलिए उसकी
रिहाई नहीं रोकी जा सकती।
- जुवेनाइल
जस्टिस एक्ट 2007 के नियमों के तहत इस दोषी को सजा पूरी करने के बाद करेक्शन होम में
नहीं रखा जा सकता।
- हम जुवेनाइल
जस्टिस बोर्ड के फैसले में दखल नहीं देना चाहते।
- जुवेनाइल
जस्टिस के बारे में सोच-विचार की जरूरत है। केंद्र इस बारे में जवाब दाखिल करे।
आगे क्या
होगा?
- दोषी को
20 दिसंबर या उससे पहले रिहा किया जाएगा।
- हाईकोर्ट
के आदेश के मुताबिक इस दोषी से उसके रिहैबिलिटेशन पर माता-पिता, जुवेनाइन बोर्ड और
दिल्ली सरकार से बात करेंगे।
- दोषी के
मेंटल स्टेटस पर एक मैनेजमेंट कमेटी दो साल तक नजर रखेगी।
- बीजेपी
नेता स्वामी की अर्जी का हाईकोर्ट ने अभी निपटारा नहीं किया है। इस केस में अगली सुनवाई
28 मार्च को होगी।
- इस बीच,
दिल्ली वुमन कमीशन ने कहा है कि इस रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और प्रेसिडेंट से
अपील की जाएगी।
‘सड़कों
पर लौटेगा आतंक’
- दोषी की
रिहाई के खिलाफ दलीलें देने वाले एक वकील ने कहा- जो आतंक हमने फेस किया था, वह 20
दिसंबर के बाद दिल्ली की सड़कों पर वापस आ जाएगा। सारे देश को इस फैसले से दुख हुआ।
- राज्यसभा काम नहीं कर रही है। इस कारण जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव से जुड़ा बिल
पास नहीं किया जा सका। जब तक बिल पास नहीं होता, आप कुछ नहीं कर सकते।
राज्यसभा
में अटका है सख्त बिल
- लोकसभा
ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट अमेंडमेंट बिल 2015 मई में पास कर दिया था।
- मौजूदा
विंटर सेशन में यह बिल राज्यसभा के कामकाज की लिस्ट में दो बार रखा गया।
- लेकिन कुछ
मेंबर्स इसे सिलेक्ट कमेटी में भेजना चाहते थे। बिल इसी वजह से रुका हुआ है।
- बता दें
कि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है।
- राज्यसभा
में इस सेशन में हंगामे के कारण कामकाज भी नहीं हो पा रहा है।
- शुक्रवार
को राज्यसभा इसलिए स्थगित कर दी गई क्योंकि कार्यवाही के जरूरी कोरम नहीं था।
- नए बिल
में कहा गया है कि रेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसे खतरनाक अपराधों में शामिल नाबालिगों
के खिलाफ भी एडल्ट अपराधियों की तरह केस चलाया जा सकेगा।
- अभी 16
से 18 साल के अपराधियों के केस में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड फैसला करता है। सजा होने
पर उन्हें करेक्शन होम में रखा जाता है।
क्या हुआ
था 16 दिसंबर, 2012 की रात?
- दिल्ली
में पैरामेडिकल की स्टूडेंट 23 साल की निर्भया 16 दिसंबर की रात अपने दोस्त के साथ
मूवी देखकर लौट रही थी।
- उसे एक
बस में मौजूद कुछ लोगों ने उसे धोखे से बैठा लिया था।
- छह बदमाशों
ने निर्भया से बर्बरता के साथ चलती बस में गैंगरेप किया था। बाद में उसे और उसके दोस्त
को रास्ते में फेंक दिया था।
- 13 दिन
बाद इलाज के दौरान सिंगापुर में निर्भया की मौत हो गई। देशभर में गैंगरेप केस का बड़े
पैमाने पर विरोध हुआ।
- एक दोषी
ने तिहाड़ में फांसी लगा ली थी। चार को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। एक जुवेनाइल
था, जो अब रिहा होगा।