हरियाणा में पढ़े-लिखे लोग ही बन सकेंगे पंच और सरपंच
हरियाणा में अब पढ़े-लिखे लोग ही पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे। हरियाणा सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पंचायती राज संशोधन कानून को वैध ठहराया है। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के साथ घर में शौचालय होने, किसी मामले में दोषी करार न देने, बिजली बिल का बकाया नहीं होने की शर्त भी लागू हो गई है।
जस्टिस जे चेलमेश्वर व जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की बेंच ने राजबाला व अन्य की रिट याचिकाएं खारिज कर दीं। साथ ही हरियाणा पंचायती राज संशोधन कानून 2015 पर मुहर लगा दी। शीर्ष कोर्ट ने कहा, “पंचायत चुनाव से संबंधित नया कानून संवैधानिक रूप से वैध है। इसे इस आधार पर गैर-कानूनी नहीं ठहराया जा सकता कि नए कानून से लोगों के चुनाव लड़ने के मौलिक अधिकारों का हनन होगा।
विधायिका को कानून बनाने का अधिकार है और राज्य सरकार ने इसी अधिकार के तहत कानून बनाया है।’ दोनों जजों ने अलग-अलग लेकिन सहमति का फैसला सुनाया। संशोधित कानून के तहत सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए दसवीं पास तथा दलितों व महिलाओं के लिए आठवीं पास होना जरूरी है। दलित महिलाओं के लिए कम से कम पांचवीं पास होने की शर्त रहेगी।
पंचायत चुनावों का रास्ता साफ
हरियाणा में पंचायतों का कार्यकाल 25 जुलाई, 2015 को खत्म हो गया था। नए चुनाव से पहले 11 अगस्त को राज्य सरकार ने ‘पंचायती राज कानून’ में बड़े बदलाव किए। इसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता समेत चार बड़ी शर्तें जोड़ी गईं। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसने अंतरिम स्टे दे दिया था। सितंबर में प्रस्तावित चुनाव प्रक्रिया को टालना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य में पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है।
जस्टिस जे चेलमेश्वर व जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की बेंच ने राजबाला व अन्य की रिट याचिकाएं खारिज कर दीं। साथ ही हरियाणा पंचायती राज संशोधन कानून 2015 पर मुहर लगा दी। शीर्ष कोर्ट ने कहा, “पंचायत चुनाव से संबंधित नया कानून संवैधानिक रूप से वैध है। इसे इस आधार पर गैर-कानूनी नहीं ठहराया जा सकता कि नए कानून से लोगों के चुनाव लड़ने के मौलिक अधिकारों का हनन होगा।
विधायिका को कानून बनाने का अधिकार है और राज्य सरकार ने इसी अधिकार के तहत कानून बनाया है।’ दोनों जजों ने अलग-अलग लेकिन सहमति का फैसला सुनाया। संशोधित कानून के तहत सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए दसवीं पास तथा दलितों व महिलाओं के लिए आठवीं पास होना जरूरी है। दलित महिलाओं के लिए कम से कम पांचवीं पास होने की शर्त रहेगी।
पंचायत चुनावों का रास्ता साफ
हरियाणा में पंचायतों का कार्यकाल 25 जुलाई, 2015 को खत्म हो गया था। नए चुनाव से पहले 11 अगस्त को राज्य सरकार ने ‘पंचायती राज कानून’ में बड़े बदलाव किए। इसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता समेत चार बड़ी शर्तें जोड़ी गईं। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसने अंतरिम स्टे दे दिया था। सितंबर में प्रस्तावित चुनाव प्रक्रिया को टालना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य में पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है।