हिट एंड रन केस: हाईकोर्ट से बरी होने के बाद सलमान पिछले दरवाजे से पहुंचे घर
मुंबई. हिट एंड रन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट
से बरी होने के बाद गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे सलमान खान अपने घर पहुंच गए
हैं। बाहर बड़ी तादाद में उनके फैंस इकट्ठा हैं। बताया जा रहा है कि सलमान भीड़ से
बचने के लिए पिछले दरवाजे से घर में दाखिल हुए। बता दें कि 2002 में मुंबई में सलमान की तेज रफ्तार
कार फुटपाथ पर चढ़ गई थी। इसमें एक शख्स की मौत हुई थी।
क्यों हुए बरी?
-गुरुवार को हाईकोर्ट ने अपने फैसले
में कहा कि प्रॉसिक्यूशन सलमान पर कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाया।
-फैसला सुनते ही सलमान अदालत में रो
पड़े। वे कई घंटे तक कोर्ट में रहने के बाद शाम करीब पौने पांच बजे घर के लिए
रवाना हुए।
-बता दें कि मुंबई सेशन्स कोर्ट ने इस
मामले में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट में आज क्या हुआ?
- हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला लिखे
जाने की कार्यवाही शुरू होने के वक्त पूछा कि क्या सलमान कोर्ट में मौजूद हैं?
- सलमान के वकील अमित देसाई ने इसमें
रियायत देने की मांग की।
- प्रॉसिक्यूशन के वकीलों ने कहा कि
हाईकोर्ट का फैसला कुछ भी आए, बेल
बाॅन्ड भरने की प्रॉसेस पूरी करने के लिए सलमान का यहां रहना जरूरी होगा।
- इस पर सलमान के वकीलों ने कहा
कि सलमान मुंबई से दो घंटे की दूरी पर करजत में हैं। अगर कोर्ट चाहे तो वे यहां
मौजूद रहेंगे।
- हालांकि, वकीलों ने कहा कि कोर्ट में सलमान को
सिक्युरिटी भी दी जाए।
- इस बीच, सलमान की बहन अलवीरा, अर्पिता और पिता सलीम खान हाईकोर्ट
पहुंचे।
- इसके बाद दोपहर 1.24 बजे सलमान हाईकोर्ट पहुंचे। वे
कोर्टरूम 43
की तरफ रवाना हुए।
- दोपहर 1.36 बजे हाईकोर्ट के जस्टिस ए.आर. जोशी ने
सलमान को बरी किया।
- फैसला आते ही दोस्तों, उनकी बहन अलवीरा और बाकी लोगों ने
सलमान के कंधे पर हाथ रखा। अलवीरा इमोशनल हुईं। सलमान भी रो दिए।
हाईकोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां
प्रॉसिक्यूशन
सलमान के खिलाफ सारे आरोप साबित नहीं कर सका। दोष इस तरह साबित होना चाहिए कि इस
पर कोई शक न हो।
प्रॉसिक्यूशन
ने कुछ अहम गवाहों के बयानात दर्ज नहीं किए। घायल गवाहों से जुड़े सबूतों में भी
विरोधाभास है। इससे सलमान के इस केस में शामिल होने पर संदेह पैदा होता है।
इस
मामले में जांच बहुत गलत तरीके से हुई। ऐसी खामियां छोड़ दी गईं जिनसे कई बातें
आरोपियों के फेवर में चली गईं।
इस कोर्ट की यह ड्यूटी है कि वह देखे कि अपराध संदेह से परे जाकर
साबित होता हो।
निचली
अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते वक्त सबूतों का ठीक तरह से ध्यान नहीं रखा।
सुनवाई न्याय दिलाने के तय सिद्धांतों
पर नहीं थी।
यह ऐसा केस नहीं है जिसमें प्रॉसिक्यूशन ने पूरी कामयाबी के साथ
सारे आरोप साबित कर दिए हों।
सारे सबूत परिस्थितिजन्य थे, यानी उस वक्त के हालात से जुड़े थे।
शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में भी
प्रॉसिक्यूशन कोई मजबूत सबूत नहीं पेश कर पाया।
लोअर कोर्ट ने रेन बार एंड रेस्टोरेंट के बिल को सबूत के तौर पर
मंजूर करने के मामले में भी गलती की। उसका पंचनामा नहीं किया गया।
आगे क्या?
- सलमान को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के पास
एक बॉन्ड भरना होगा, क्योंकि
अब तक वे इस केस में जमानत पर थे।
- हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ
प्रॉसिक्यूशन स्पेशल लीव पिटीशन दायर कर सकता है। इसमें हाईकोर्ट के फैसले के बाद
भी बाकी रहे सवालों का मुद्दा उठ सकता है।
- प्रॉसिक्यूशन सुप्रीम कोर्ट में भी
अपील कर सकता है।
- महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस
ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले पर ठीक तरह से गौर करने के बाद ही सरकार इस बारे में
आगे कोई कदम उठाएगी।
किसने क्या बयान दिया?
- पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने
वाले जफर सरेशवाला ने कहा- हाईकोर्ट ने जब बेल दी थी, तभी मैंने ये बात कही थी कि सलमान को
फंसाया गया। बाद में उस पर आरोप लगाए गए थे।
- एक्सीडेंट में अरेस्ट किया था
और फिर छोड़ दिया गया था। 15 दिन
बाद उसके खिलाफ आरोप लगाए गए। उसे फंसाया गया था, क्योंकि उससे पहले हिंदुस्तान में
धारा 304/1
कभी भी नहीं लगी थी।
- बता दें कि मई में जिस दिन सलमान को
सेशन्स कोर्ट ने फैसला सुनाया था, उस
दिन जफरवाला भी एक्टर से मिलने पहुंचे थे।
- वकील आभा सिंह ने कहा- 13 साल बाद हाईकोर्ट मान लेता है कि
गाड़ी सलमान नहीं, ड्राइवर
अशोक सिंह चला रहा था। यह सवालिया निशान है।
- रवींद्र पाटिल का बयान खारिज क्यों कर
दिया गया?
उनकी मौत हो गई तो क्या अब
डाइंग डिक्लेरेशन खारिज कर दिया जाएगा। मैं चाहूंगी कि महाराष्ट्र सरकार इस फैसले
के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाए।