श्रमोदय विद्यालय के निर्माण कार्य ने पकड़ी गति श्रम मंत्री आर्य ने किया निरीक्षण
श्रम मंत्री अंतर सिंह आर्य ने आज भोपाल के पास मुगालिया छाप गाँव में बन रहे देश के पहले श्रमोदय विद्यालय के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। मंत्री आर्य ने जुलाई माह से आरंभ निर्माण कार्य की गति और गुणवत्ता पर संतोष प्रकट किया। विद्यालय की तीनों भवनों की प्लिंथ का काम पूरा हो चुका है।
मौके पर ही करें श्रमिक पंजीयन
श्रम मंत्री ने कार्यरत श्रमिकों से उनको मिलने वाली मजदूरी और सुविधाओं के बारे में भी पूछताछ की। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए आर्य ने सचिव म.प्र. भवन संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल एस.एस. दीक्षित को शत-प्रतिशत श्रमिकों का पंजीयन मौके पर ही शीघ्र करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्य में तकरीबन 200 मजदूर कार्यरत हैं जिनमें अधिकांश स्थानीय है। आर्य ने कहा कि श्रम नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए निर्माण कार्य की द्रुतगति बनाए रखें। आर्य ने कार्य स्थल पर मजदूरी की सूची और श्रम विभाग के निर्देश भी बोर्ड पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए दस एकड़ में लगभग 60 करोड़ की लागत से बनने वाले आवासीय श्रमोदय विद्यालय में 60 प्रतिशत श्रमिक बच्चों को और 40 प्रतिशत स्थानीय बच्चों को कक्षा 6, 9, ओर 11वीं में प्रवेश दिया जायेगा। विद्यालय से लगी हुई 5 एकड़ जमीन पर आईटीआई भवन का निर्माण होगा। श्रमोदय विद्यालय में शिक्षक, आवास, बालक, बालिका हॉस्टल और कर्मचारी आवास के साथ खेलकूद की भी व्यवस्था होगी।
प्रदेश में 4 श्रमोदय विद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में खुलेंगे। इंदौर के विद्यालय के लिए भूमि चयन कर टेंडर किया जा चुका है।
सरपंच लीला किशन ने कहा कि श्रमोदय विद्यालय के निर्माण से स्थानीय लोगों में काफी हर्ष है। बच्चों का न केवल विद्यालय के माध्यम से सर्वांगीण विकास होगा, स्थानीय लोगों को भी निर्माण कार्य के जरिये से रोजगार मिल रहा है।
सुनीता दुबे
मौके पर ही करें श्रमिक पंजीयन
श्रम मंत्री ने कार्यरत श्रमिकों से उनको मिलने वाली मजदूरी और सुविधाओं के बारे में भी पूछताछ की। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए आर्य ने सचिव म.प्र. भवन संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल एस.एस. दीक्षित को शत-प्रतिशत श्रमिकों का पंजीयन मौके पर ही शीघ्र करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्य में तकरीबन 200 मजदूर कार्यरत हैं जिनमें अधिकांश स्थानीय है। आर्य ने कहा कि श्रम नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए निर्माण कार्य की द्रुतगति बनाए रखें। आर्य ने कार्य स्थल पर मजदूरी की सूची और श्रम विभाग के निर्देश भी बोर्ड पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए दस एकड़ में लगभग 60 करोड़ की लागत से बनने वाले आवासीय श्रमोदय विद्यालय में 60 प्रतिशत श्रमिक बच्चों को और 40 प्रतिशत स्थानीय बच्चों को कक्षा 6, 9, ओर 11वीं में प्रवेश दिया जायेगा। विद्यालय से लगी हुई 5 एकड़ जमीन पर आईटीआई भवन का निर्माण होगा। श्रमोदय विद्यालय में शिक्षक, आवास, बालक, बालिका हॉस्टल और कर्मचारी आवास के साथ खेलकूद की भी व्यवस्था होगी।
प्रदेश में 4 श्रमोदय विद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में खुलेंगे। इंदौर के विद्यालय के लिए भूमि चयन कर टेंडर किया जा चुका है।
सरपंच लीला किशन ने कहा कि श्रमोदय विद्यालय के निर्माण से स्थानीय लोगों में काफी हर्ष है। बच्चों का न केवल विद्यालय के माध्यम से सर्वांगीण विकास होगा, स्थानीय लोगों को भी निर्माण कार्य के जरिये से रोजगार मिल रहा है।
सुनीता दुबे