बेटी की इज्ज़त बचाने रातों-रात खाली हुआ था ये गांव, 170 साल से पड़ा है वीरान
जोधपुर। राजपूताना के नाम से मशहूर भारत का यह राज्य राजस्थान
वास्तव में बहुत सी आश्चर्यजनक और ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है। यहां का हर शहर अपने
आप में कई कहानियों को समेटे हुए है। इन्हीं में से एक है राजस्थान के कुलधरा गांव
की रहस्यमयी कहानी। कहा जाता है कि अब यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं। कभी
का एक हंसता-खेलता यह गांव आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका है। टूरिस्ट प्लेस में बदल
चुके कुलधरा गांव घूमने आने वालों के मुताबिक, 170 पहले यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मणों
की आहट आज भी सुनाई देती है। उन्हें वहां हरपल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा
है। बाजार के चहल-पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने, उनकी चूड़ियों और पायलों
की आवाजें यहां के माहौल को भयावह बनाती हैं।
170 साल पहले इस गांव के लोग अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए रातों-रात गायब हो गए
थे। आज भी यह बात रहस्य बनी हुई है कि आखिर उस रात ऐसा क्या हुआ कि यहां के लोगों को
एक साथ गांव छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा।
ऐसा माना जाता है कि यह घटना दीवान को एक लड़की से हुए प्रेम के कारण हुई। इसी प्रेम
के कारण इस गांव को ऐसा श्राप मिला कि यह रातों-रात उजड़ गया और आज भी यहां कोई नहीं
रहता। यहां का नजारा आज भी वैसा ही है, जैसा उस रात था जब लोग यहां से गायब हुआ थे।
पैरानॉर्मल सोसायटी की टीम ने बताया कि यहां
हैं आत्माएं
दिल्ली की
पैरानॉर्मल सोसायटी की टीम फरवरी 2014 में कुलधरा गांव पहुंची। ऐसी धारणा है कि कुलधरा
में रात बिताना मुमकिन नहीं है, क्योंकि यहां कई आत्माओं का वास है। इसी डर को दूर
करने के लिए सोसायटी के 18 सदस्य एवं अन्य 10-12 लोग रात्रि में कुलधरा गांव में रहे।
इस टीम के पास एक डिवाइस था, जिसका नाम घोस्ट बॉक्स है। इसके माध्यम से ऐसी जगहों पर
रहने वाली आत्माओं से सवाल पूछा जाता है और किसी के होने पर उसकी आवाजें उसमें रिकॉर्ड
हो जाती हैं। कुलधरा में जब इस मशीन से टेस्ट किया गया, तब कुछ आवाजें आईं तो कहीं
आत्माओं ने अपने नाम भी बताए। अंत में टीम ने बताया कि वास्तव में कुलधरा में आत्माएं
निवास करती हैं।