सिंहस्थः सम्पूर्ण पंचक्रोशी मार्ग की मरम्मत जरूरी
डाॅ चन्दर सोनाने
हजारो श्रद्धालु प्रतिवर्ष वैशाख माह में 118 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते है। इस यात्रा को पंचक्रोशी यात्रा कहा जाता हैं। इस मार्ग की सड़कें वर्तमान में अनेक जगहों पर खस्ताहाल हो रही हैं। इस सम्पूर्ण मार्ग को पक्का करना आवश्यक हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न होने पाए। सामान्य वर्ष की तुलना में सिंहस्थ महापर्व पर इस यात्रा को करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती हैं। इसलिए भी पंचक्रोशी मार्ग की मरम्मत एवं जहां आवश्यक हो वहा नई सड़कें बनाना जरूरी हैं।
राज्य सरकार द्वारा आगामी सिंहस्थ को देखते हुए 90.95 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के लिए 63 करोड़ 60 लाख रूपये मंजूर भी किए गए हैं। किंतु अभी उसका निर्माण कार्य शुरू नही हुआ हैं। स्वीकृत की गई राशि से शीघ्र कार्य आरंभ किया जाना आवश्यक है, ताकि गुणवत्ता पूर्ण सड़के बन सकें। कुल 118 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 90 किलोमीटर मार्ग के लिए राशि मंजूर की गई है। श्ेष 28 किलोमीटर मार्ग छूट रहा हैं। इसकी भी मरम्मत की जाना आवश्यक हैं।
कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत द्वारा हाल ही में इस 118 किलोमीटर लंबे मार्ग का पैदल भ्रमण कर निरीक्षण भी कर लिया गया ह,ैं किंतु संबंधित विभाग द्वारा अभी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू ही नही करना आश्चर्यजनक हैं। दिनांक 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए अब समय कम बचा है। अभी निर्माण कार्य शुरू नही किया गया तो बाद में ताबड़तोड़ जैसे तैसे सड़के बनाई जाकर राशि को ठिकाने लगाने का प्रयास किया जाएगा। अतः आवश्यक हैं कि शीघ्र गुणवत्ता पूर्ण कार्य किया जाए ताकि पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को लंबे समय तक इसका लाभ मिल सकें।
सिंहस्थ 2004 के प्रशासकीय प्रतिवेदन में बिन्दू क्रमांक 11 पर पंचक्रोशी मार्ग पर छायादार वृक्षों की कमी महसूस की गई थी। किंतु लगता हैं इस बार सिंहस्थ में गत सिंहस्थ में स्वीकार की गई कमियों से कोई सीख नही ली गई हैं। पिछले बारह वर्षो में इस संबंध में कोई प्रयास भी नही किए गए हैं। अब समय कम हैं, लेकिन सिंहस्थ के मद्देनजर इस पंचक्रोशी मार्ग पर छायादार वृक्षों की पूर्ति करना आवश्यक हैं। इसके लिए लंबी आयु के पौधे लगाकर इस कमी की पूर्ति करने के कार्य किए जा सकते हैं।
पंचक्रोशी मार्ग में अनेक जगहों पर संकड़े रास्ते हैं। वहां अनेक कांटेदार झाडि़यां हैं जिनकी छटनी करना अत्यन्त आवश्यक हैं। श्रद्धालु दिन के अतिरिक्त रात में भी यात्रा करते हैं । अंधेरे में कांटेदार झाडि़यां उन्हें हानि नही पहुंचाए, इसलिए उनकी छंटनी करना अत्यन्त आवश्यक हैं।
आस्था और विश्वास के सिंहस्थ महापर्व के दौरान श्रद्धालु कष्टपद 118 कि मी लंबी पंचक्रोशी यात्रा पैदल चल कर पुण्य प्राप्त करने का प्रयास करते है। इसके लिए जिला प्रशासन को चाहिए कि वे पंचक्रोशी मार्ग की मरम्मत और निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करें तथा मार्ग पर छायादार वृक्ष लगाकर श्रद्धालुओं को सहुलियत देवें।
हजारो श्रद्धालु प्रतिवर्ष वैशाख माह में 118 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते है। इस यात्रा को पंचक्रोशी यात्रा कहा जाता हैं। इस मार्ग की सड़कें वर्तमान में अनेक जगहों पर खस्ताहाल हो रही हैं। इस सम्पूर्ण मार्ग को पक्का करना आवश्यक हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न होने पाए। सामान्य वर्ष की तुलना में सिंहस्थ महापर्व पर इस यात्रा को करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती हैं। इसलिए भी पंचक्रोशी मार्ग की मरम्मत एवं जहां आवश्यक हो वहा नई सड़कें बनाना जरूरी हैं।
राज्य सरकार द्वारा आगामी सिंहस्थ को देखते हुए 90.95 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के लिए 63 करोड़ 60 लाख रूपये मंजूर भी किए गए हैं। किंतु अभी उसका निर्माण कार्य शुरू नही हुआ हैं। स्वीकृत की गई राशि से शीघ्र कार्य आरंभ किया जाना आवश्यक है, ताकि गुणवत्ता पूर्ण सड़के बन सकें। कुल 118 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 90 किलोमीटर मार्ग के लिए राशि मंजूर की गई है। श्ेष 28 किलोमीटर मार्ग छूट रहा हैं। इसकी भी मरम्मत की जाना आवश्यक हैं।
कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत द्वारा हाल ही में इस 118 किलोमीटर लंबे मार्ग का पैदल भ्रमण कर निरीक्षण भी कर लिया गया ह,ैं किंतु संबंधित विभाग द्वारा अभी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू ही नही करना आश्चर्यजनक हैं। दिनांक 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए अब समय कम बचा है। अभी निर्माण कार्य शुरू नही किया गया तो बाद में ताबड़तोड़ जैसे तैसे सड़के बनाई जाकर राशि को ठिकाने लगाने का प्रयास किया जाएगा। अतः आवश्यक हैं कि शीघ्र गुणवत्ता पूर्ण कार्य किया जाए ताकि पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को लंबे समय तक इसका लाभ मिल सकें।
सिंहस्थ 2004 के प्रशासकीय प्रतिवेदन में बिन्दू क्रमांक 11 पर पंचक्रोशी मार्ग पर छायादार वृक्षों की कमी महसूस की गई थी। किंतु लगता हैं इस बार सिंहस्थ में गत सिंहस्थ में स्वीकार की गई कमियों से कोई सीख नही ली गई हैं। पिछले बारह वर्षो में इस संबंध में कोई प्रयास भी नही किए गए हैं। अब समय कम हैं, लेकिन सिंहस्थ के मद्देनजर इस पंचक्रोशी मार्ग पर छायादार वृक्षों की पूर्ति करना आवश्यक हैं। इसके लिए लंबी आयु के पौधे लगाकर इस कमी की पूर्ति करने के कार्य किए जा सकते हैं।
पंचक्रोशी मार्ग में अनेक जगहों पर संकड़े रास्ते हैं। वहां अनेक कांटेदार झाडि़यां हैं जिनकी छटनी करना अत्यन्त आवश्यक हैं। श्रद्धालु दिन के अतिरिक्त रात में भी यात्रा करते हैं । अंधेरे में कांटेदार झाडि़यां उन्हें हानि नही पहुंचाए, इसलिए उनकी छंटनी करना अत्यन्त आवश्यक हैं।
आस्था और विश्वास के सिंहस्थ महापर्व के दौरान श्रद्धालु कष्टपद 118 कि मी लंबी पंचक्रोशी यात्रा पैदल चल कर पुण्य प्राप्त करने का प्रयास करते है। इसके लिए जिला प्रशासन को चाहिए कि वे पंचक्रोशी मार्ग की मरम्मत और निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करें तथा मार्ग पर छायादार वृक्ष लगाकर श्रद्धालुओं को सहुलियत देवें।